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पंच गौरव से जिले को मिलेगी नई पहचान, सीताफल बनेगा ‘चित्तौड़गढ़ ऑर्गेनिक ब्रांड’ - आलोक रंजन
सीधा सवाल। चित्तौडग़ढ़ जिला स्तरीय पंच गौरव कार्यक्रम समिति की त्रैमासिक (तृतीय) बैठक बुधवार को कलक्ट्रेट के समिति कक्ष में जिला कलक्टर आलोक रंजन की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में पंच गौरव कार्यक्रम के तहत जिले में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा की गई तथा आगे की कार्ययोजना पर चर्चा हुई।
जिले के पंच गौरव तत्वों के विकास पर जोर
बैठक में जिला कलक्टर आलोक रंजन ने जिले में पंच गौरव कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन, प्रोत्साहन एवं प्राप्त बजट का उपयोग पंच गौरव गाइडलाइन के अनुसार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिले के पंच गौरव तत्व — एक जिला एक उपज सीताफल, एक जिला एक वनस्पतिक प्रजाति बेलपत्र, एक जिला एक उत्पाद ग्रेनाइट एवं मार्बल, एक जिला एक पर्यटन स्थल चित्तौड़गढ़ दुर्ग और एक जिला एक खेल कबड्डी के विकास कार्यों को प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाया जाए ताकि जिले को विशिष्ट पहचान मिल सके।
सीताफल और पर्यटन विकास को मिले बढ़ावा
जिला कलक्टर ने उद्यान विभाग को सीताफल के उत्पादन, प्रोसेसिंग और मार्केटिंग पर विशेष ध्यान देने, इसके जैविक उत्पादों को जी.आई. टैग दिलाने तथा “Chittorgarh Fort Organic Sitafal” नाम से ब्रांडिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने पर्यटन विभाग को चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर बिजली की पर्याप्त व्यवस्था करने, खाली स्थानों पर सोलर पैनल लगाने, पर्यटकों के भ्रमण हेतु ई-वाहन चलाने और विशेषयोग्यजनों के लिए विशेष व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही कबड्डी खेल के लिए प्रत्येक ब्लॉक पर मैट एवं कच्चे मैदान तैयार करने और बेलपत्र के “नमो वन” विकसित करने की बात कही।
पंच गौरव कार्यक्रम से जिले को मिलेगी नई पहचान
समिति सदस्य सचिव शबनम खोरवाल ने बताया कि पंच गौरव कार्यक्रम के माध्यम से प्रत्येक जिले की क्षमता और क्षेत्र विशेष की विशिष्टता के आधार पर उत्पादों एवं स्थलों का चयन कर उनके संरक्षण, संवर्धन और विकास के जरिए जिले को एक सशक्त सांस्कृतिक एवं आर्थिक पहचान दी जा रही है। इस कार्यक्रम से रोजगार के अवसरों में वृद्धि और आर्थिक प्रगति को गति मिलेगी।
बैठक में पंच गौरव कार्यक्रम से जुड़े विभागों सहित नाबार्ड, कृषि, उद्यान, पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग, पर्यटन विभाग एवं रीको के अधिकारी उपस्थित रहे।