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उपखंड अधिकारी की समझाइस पर बनी सहमति
सीधा सवाल। निंबाहेड़ा। समृद्धि प्रदेश मध्य प्रदेश के नीमच जिले में फिलहाल कुछ दिनों पहले किसानों और व्यापारियों के बीच में कुछ कहा सुनी हो गई थी जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हुए थे इसी बीच में आज निंबाहेड़ा कृषि मंडी में भी व्यापारियों और किसानों के बीच विवाद होगया।
कृषि उपज मंडी में शुक्रवार सुबह 9 बजे किसानों और आढ़तियों के बीच विवाद हो गया। किसानों ने मंडी का गेट बंद कर दिया, जिससे मंडी में कामकाज ठप हो गया। सूचना मिलने पर पुलिस और उपखंड अधिकारी (एसडीएम) मौके पर पहुंचे।
एसडीएम विकास पंचोली ने स्थिति का जायजा लिया और किसानों से बातचीत की। उन्होंने किसानों और व्यापारियों को मंडी कार्यालय बुलाकर समझौता कराया। दोनों पक्षों की सहमति के बाद दोपहर करीब 12:30 बजे मंडी का कार्य फिर से शुरू हो सका।
व्यापारियों ने बताया कि इन दिनों रोजाना लगभग 15,000 बोरी की आवक हो रही है। त्योहारों का सीजन होने के कारण किसानों और मजदूरों, दोनों को ही जल्दी रहती है, जिससे अव्यवस्था फैलती है। शुक्रवार को करीब 30 ट्रैक्टर मक्का की आवक हुई थी, जबकि 300 से 350 मक्का की ढेरियां दो ड्रमों और खाली जगह पर लगी हुई थीं।
व्यापारियों के अनुसार, ट्रैक्टर में लाए गए माल की बोली और तुलाई में 10 से 15 मिनट लगते हैं, जिससे समय की बचत होती है। वहीं, ढेरियों में रखे माल की एक ढेरी की तुलाई में 10 से 20 मिनट का समय लगता है, जिससे प्रक्रिया धीमी हो जाती है। ढेरियों की तुलाई में कुल 4 से 5 घंटे लग जाते हैं।
अरनोद, भट्ट, कोटड़ी और मांगरोल सहित अन्य क्षेत्रों के किसानों ने बताया कि वे रात 3 बजे ही मंडी पहुंच गए थे और शुरुआत में ही ढेरियां लगा दी थीं। उन्हें बताया गया था कि ढेरियों की बोली पहले लगेगी, इसलिए उन्होंने ट्रैक्टर खाली कर दिए थे। कुछ किसानों ने ये भी कहा कि इस समय दाम भी कम मिल रहे हैं, जिससे विवाद की स्थिति बनती है।
त्योहारों के सीजन में आवक अधिक होने पर किसानों और मंडी व्यापारियों के बीच अक्सर ऐसी गलतफहमी और विवाद की स्थिति बन जाती है। किसान चाहते हैं कि उनका माल जल्दी बोली लगे ताकि वे त्योहारों की खरीदारी कर सकें।