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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। ग्राम पंचायत डिंडोली निवासी लक्ष्मीबाई पत्नी स्व. उदा रेबारी लंबे समय से एक प्रशासनिक त्रुटि के कारण परेशान थीं। ग्राम डिंडोली के खाता संख्या 128 में उनका नाम गलत रूप से “नसीम पत्नी स्व. उदा रेबारी” दर्ज था। इस त्रुटि के कारण उन्हें कृषि ऋण (KCC) तथा अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था।
जब उन्हें ग्रामीण सेवा शिविर की जानकारी मिली, तो वे उम्मीद लेकर शिविर पहुंचीं और अपनी समस्या शिविर प्रभारी एवं उपखंड अधिकारी अंजू शर्मा के समक्ष रखी। उन्होंने तत्काल आवेदन करने का निर्देश दिया। आवेदन मिलते ही तहसीलदार महोदय ने पटवारी को मौके पर भेजकर शुद्धि पत्र संख्या 136 के माध्यम से नाम संशोधित करवाया। कुछ ही समय में सही नाम दर्ज कर पट्टा सुधार की प्रक्रिया पूर्ण की गई।
अब लक्ष्मीबाई को बैंक से ऋण एवं सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में कोई कठिनाई नहीं होगी। लक्ष्मीबाई प्रसन्न होकर कहा “यह शिविर मेरे लिए वरदान साबित हुआ है। इतने वर्षों से जो काम नहीं हुआ, वह कुछ ही मिनटों में पूरा हो गया। लक्ष्मीबाई ने सरकार और प्रशासन का आभार व्यक्त किया।
भूमिविवाद का हुआ समाधान – अडाना में सहमति बंटवारा पूर्ण
इसी दिन ग्राम पंचायत अडाना में आयोजित ग्रामीण सेवा शिविर में भी वर्षों से लंबित भूमि विवाद का निस्तारण हुआ।
ग्राम जवानपुरा निवासी रामेश्वरलाल पुत्र मंगूनाथ नाथ, राजेशनाथ, निर्मलानाथ एवं अन्य सह-खातेदारों ने खसरा संख्या 191, 225, 226, 228, 229 एवं 237 की भूमि का आपसी सहमति बंटवारा करवाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया।
आवेदन प्राप्त होने पर तहसीलदार बेनप्रसाद सरगरा ने त्वरित कार्यवाही करते हुए गिरदावर एवं पटवारी को मौके पर भेजा। मौके के निरीक्षण के बाद सहमति बंटवारे का प्रस्ताव तैयार कर माननीय विधायक महोदय, उपखण्ड अधिकारी एवं तहसीलदार के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
सभी दस्तावेजों की जांच के उपरांत तहसीलदार ने प्रस्ताव को स्वीकृत करते हुए बंटवारे का आदेश जारी किया, जिसकी प्रति मौके पर ही लाभार्थियों को सौंपी गई।
भूमि विवाद के समाधान से प्रार्थी अत्यंत प्रसन्न हुए और उन्होंने कहा “कई वर्षों से चल रहे विवाद का निस्तारण आज इस शिविर के माध्यम से संभव हुआ। अब हमारे परिवार में शांति और संतोष है। हम सरकार एवं प्रशासन के हृदय से आभारी हैं।”