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सीधा सवाल। कपासन। वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम शासन प्रभाविका महा साध्वी कंचन कंवर के सानिध्य में शालीभद्र लक्ष्मी जाप संपन्न हुआ। वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में 32 महिलाओं ने शालीभद्र की रानियों का रूप धारण किया और दान की पेटियां प्राप्त की।इस अवसर पर साध्वी डॉ सुलोचना ने अपने संबोधन में कहा की लक्ष्मी के आने की अपेक्षा उसका त्याग करने से सच्चा सुख मिलता है। उन्होंने दान के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यदि लक्ष्मी दान के रूप में सामने के दरवाजे से जाती हैं। तो वह पीछे के दरवाजे से वापस आती है। साध्वी जी ने शालीभद्र के जीवन का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे उन्होंने संत को खीर भेंट कर संगम से शालीभद्र का रूप प्राप्त किया।डॉ सुलोचना ने समाज को बच्चों को कुसंस्कारों से बचाने और ऐसी परंपराओं से दूर रखने की सलाह दी, जो उन्हें धर्म और संस्कृति से विमुख कर रही हैं। उन्होंने कहा कि लोग अपनी पुण्य की कमाई से तिजोरियां तो भर रहे हैं। लेकिन यदि बच्चे गलत राह पर चल पड़ें तो भरी तिजोरियों को खाली होने में देर नहीं लगती।संघ अध्यक्ष सूर्य प्रकाश सिरोया ने बताया कि महासाध्वी की प्रेरणा से ये कार्यक्रम भव्य रूप से संपन्न हुआ। इस दौरान 32 लाभार्थियों को लकी ड्रा के माध्यम से दान पेटियां भेंट की। धर्मसभा में भायंदर से अशोक बोहरा, संघ के पदाधिकारी शंकर लाल लोढ़ा, अनिल बाघमार, अशोक बाफना, राजेश खाब्या, प्रकाश आंचलिया, मदन दुग्गड़, संपत लाल हिंगड़, निर्मल बाफना, अशोक कुमार सिरोया सहित महिला मंडल की अध्यक्ष प्रियंका दुगड़, मंत्री सुनीता सांवला, जागृति लोढ़ा और सपना सिरोया आदि उपस्थित थे।