views
 
                                                    	
                                                
                                            सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। संप्रदाय के संत रमता राम जी के शिष्य युवा संत श्री दिग्विजय राम जी ने कहा कि जीवन में घमंड और अहंकार को त्याग कर प्रकृति की पूजा का संकल्प ले ताकि स्वत : ही भगवान की शरणागति प्राप्त हो सके l संत दिग्विजय राम जी मंगलवार को भिंडर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव के पंचम दिवस पर व्यास पीठ से कथा अमृतपान करा रहे थे l उन्होंने इंद्र के मान मर्दन का उल्लेख करते हुए कहा कि जब गोकुल वासी इंद्र की पूजा करने लगे तो बालकृष्ण ने उन्हें इंद्र के बजाय गोवर्धन एवं प्रकृति की पूजा का आह्वान किया जिससे सर्वत्र खुशहाली हो सके l यह सुनकर जब ग्वाल बाल गोवर्धन पूजा करने लगे तो इंद्र ने कुपित होकर गणगौर वर्षा करना शुरू कर दी तब गोकुल वासियों की रक्षा के लिए भगवान कृष्ण ने तर्जनी उंगली पर गोवर्धन को धारण कर ग्वाल बालकों को भी इस पुनीत कार्य में सहयोग के लिए जोड़ दिया l लगातार सात दिवस तक गोवर्धन पर्वत को श्री कृष्ण ने अपनी तर्जनी उंगली पर धारण कर इंद्र का मान मर्दन करते हुए गोकुलवासों की रक्षा की l इस प्रसंग के दौरान आकर्षक झांकी ने समूचे वातावरण को गोकुल रूप में परिणित करते हुए ऐसी अनुभूति कराई मानो हजारों सुधि श्रोता और दर्शक गोकुलवासी बन गए हो, इस दौरान श्री कृष्ण को प्रतिदिन मैया यशोदा द्वारा आठ प्रकार के भोज्य पदार्थों का भोग लगाने के अनुरूप आठवें दिन श्री कृष्ण को छप्पन भोग न्योछावर किया गया l उसी अनुरूप कथा महोत्सव के दौरान भी 56 भोग की झांकी ने भक्तों का मन मोह लिया l संत दिग्विजय राम जी ने भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का विस्तार से वर्णन करते हुए कहा कि सुखदेव मुनि द्वारा ऋषि मुनियों को भागवत श्रवण करने के दौरान श्री कृष्ण द्वारा डावानल का पान करने , प्रलंबासुर नामक राक्षस के साथ ही धेनुका
सूर का बलराम द्वारा वध किया गया l युवा संत ने नाग नथया के संदर्भ में कहा कि ग्वाल बाल संग जब कृष्ण यमुना किनारे खेल रहे थे तो गेंद यमुना में गिर जाने पर श्री कृष्ण लाने के लिए यमुना में कूद गए, जिसमें कालिया नाग निवास करता था उसने श्री कृष्णा पर आक्रमण तो किया, लेकिन श्री कृष्ण ने सात फ न वाले कालिया के मस्तक पर पहुंचकर नाग नृत्य करते हुए अपने चरण चिन्हों की छाप देकर उसे धन्य कर दिया l इसी दौरान युवा संत ने अपने ही अंदाज में कानो नाचे रे .... भजन की प्रस्तुति देकर भक्तों को नृत्य करने के लिए विवश कर दिया l उन्होंने श्री कृष्ण की माखन चोर लीला का वर्णन करते हुए कहा कि माखन चोरी का यह है व्रतांत सभी को सार ग्रहण करने का संदेश देता है l प्रभावती नामक गोपी के प्रसंग में आपने बताया कि हाथ पकड़ने के बावजूद वह मैया यशोदा के समक्ष काना को माखन चोर साबित नहीं कर पाई l ऐसे अनेक प्रसंग में माखन चोरी की लीलाओं का वर्णन करते हुए जब गुर्जर जी पकड़ियों हाथ छुड़ावे दीनानाथ.... भजन सुना तो सभी श्रोता गोपी भाव से नृत्य करने लगे l उन्होंने कहा कि गर्गाचार्य जी ने गौशाला में रोहिणी नंदन का नाम बलराम तथा यशोदा नंदन का नाम श्री कृष्ण बताया तब मैया यशोदा ने कल्पना की की इसका विवाद किस से और कैसे होगा तब गर्गाचार्य जी ने कहा कि कृष्ण का एक नहीं अनेको विवाह होंगे l उन्होंने वर्तमान परिपेक्ष में कन्या भ्रूण हत्या, गौ माता पर क्रूरता का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत माता के मस्तक पर लग रहे इस कलंक को संकल्प लेकर मिटाना होगा l इससे पूर्व उन्होंने श्री कृष्ण द्वारा मर्दा ( मिट्टी ) भक्षण करने पर मैया यशोदा को समूचे ब्रह्मांड के दर्शन कराने,पूतना वध, त्र ना वत एवं सकट्टासुर वध का प्रसंग सुनाया l आपने बताया कि राजा बलि की कन्या रत्नमाला द्वारा वामन रूपी भगवान को दुग्धपान कराने की कल्पना को साकार करने के लिए उसे पूतना स्वरूप मिला जिसके द्वारा दुग्ध पान कराने के साथ जहरपान कराने के बाद भी उसको गोलोक धाम दिया l संत दिग्विजय राम जी ने गोकुल में बालकृष्ण के दर्शन के लिए भगवान शिव के आगमन की कथा के संदर्भ में कहा कि नंद रानी द्वारा स्वर्ण थाली में दान के बाद मना करने पर बालकृष्ण के रुदल करने से आखिर में उन्हें भोलेनाथ की गोद में जाने का अवसर मिल गया l कथा के अंत में बड़ी संख्या में मौजूद श्रोताओ ने व्यास पीठ की आरती की l
 
                         
                         
                                                 
                                                     
                                                     
                                                         
                                                         
                                                         
                                                         
                                                        