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सीधा सवाल। कपासन। कार्तिक शुक्ल नवमी के पावन अवसर पर नगर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं ने श्रद्धा और आस्था के साथ आंवला नवमी पर्व मनाया।महिलाओं ने इस अवसर पर आंवले के वृक्ष की पूजा-अर्चना कर परिवार के सुख, समृद्धि और निरोगी जीवन की कामना की।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आंवले के वृक्ष में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का वास माना जाता है। इसी कारण इस दिन वृक्ष की पूजा कर उसके नीचे दीप प्रज्वलित कर परिक्रमा की जाती है।
कपासन में कई स्थानों पर महिलाओं ने वृक्ष के नीचे बैठकर कथा सुनने और सामूहिक आरती का आयोजन भी किया।आंवला नवमी को अक्षय नवमी भी कहा जाता हैं।और इसे दीपावली के समापन पर्व के रूप में भी देखा जाता है।महिलाओं का मानना है कि इस दिन की गई पूजा-अर्चना से परिवार में सुख, स्वास्थ्य और सौभाग्य का आगमन होता है।