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सीधा सवाल। कपासन। जैन दिवाकर चौथमल जी म सा की जन्म जंयति गुणानुवाद व एकासन तप के साथ मनाई गई।जगत वल्लभ प्रसिद्ध वक्ता जैन दिवाकर श्री चौथमल जी म सा की जन्म जयंति समारोह सोमवार सुबह 9.15 बजे से जिनशासन प्रभाविका तपस्वी रत्ना कंचन कंवर जी म सा आदि 3 ठाणा के सानिध्य में अंबेश भवन में वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में पूरे श्रद्धा एवं भक्तिभाव के साथ मनाया गया। समारोह में जैन दिवाकर चौथमलजी म सा के साध्वी डॉ सुलोचना द्वारा जीवन पर गुणानुवाद किया गया। उन्होंने नीमच मे जन्म लिया एवं दिक्षा बोलीया ग्राम मे हुई। उन्होंने कहा कि गुरूदेव जैन दिवाकर चौथमलजी म सा ने जीवन से अधंकार मिटा कर धर्म का प्रकाश फैलाया। साध्वी डॉ सुलक्षणा श्री जी ने कहा कि गुरू का आशीर्वाद मिल जाए तो जीवन का बेड़ा पार हो जाता है। गुरूदेव चौथमलजी म सा ने झोपड़ी से महल तक परमात्मा की वाणी पहुंचाई गई। जीवन में गुरू भक्ति का महत्व बताया। संघ अध्यक्ष सूर्य प्रकाश सिरोया ने अपने विचार मे बताया कि गुरु देव जैन दिवाकर चौथमल जी म सा का जन्म दिक्षा प्रथम प्रवचन व अंतिम प्रवचन और महाप्रयाण सभी रविवार को हुए है। उनके व्याख्यान से अनेक जातियो के लोगो ने अंहिसा, शाकाहार और पर्यावरण रक्षा के लिए अनेक नियम स्वीकार किये। उनके जीवन मे अनेक चमत्कार हुए चलती हुई ट्रेन को रोकना, अफीम का गुड बनना, अनेक जैन जो गभीर बिमारी से परेशान हो रहे वह ठीक हो गये। राजा महाराजाओ ने व्यसन मांस मदिरा जानवरो को कत्ल करना आदि के सोगन लिए। श्रमण संघ की ऐकता के लिए अनेक कार्य किये वह आचार्य आंनद ऋर्षि जी को आचार्य बनाने की अहम भुमिका रही एव स्वयं ने किसी तरह का पद नही लिया एव दूसरे साधुओ को पद नही लेने के लिए कहा। ऐकासन के लाभार्थी अशोक कुमार, सूर्य प्रकाश, चन्द्र प्रकाश,ज्योति प्रकाश सिरोया थे।धर्म सभा मे संघ अध्यक्ष एस पी सिरोया,अनील बाघमार, प्रकाश आंचलिया, रूप लाल डागी, प्रकाश चण्डालिया,राजेश खाब्या,निर्मल बाफना,अशोक बाफना,मदन लाल दुग्गड,सम्पत हिगड,मदन चण्डालिया एन,महिला मण्डल अध्यक्ष प्रियका दुगड, मंत्री सुनिता सांवला आदि अनेक श्रावक श्राविकाएँ उपस्थित थी। धर्म सभा मे भीलवाडा एवं पालघर के श्रावक उपस्थित रहे।