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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। सनातन परंपरा में कार्तिक पूर्णिमा और देव दीपावली का पर्व अत्यंत पवित्र और पुण्यदायी माना गया है। यह अवसर प्रभु भक्ति, स्नान, दान, व्रत और दीपदान का सर्वोत्तम काल है — जब साधक श्रद्धा और साधना के मार्ग पर अग्रसर होकर लोककल्याण की भावना से दीप प्रज्वलित करते हैं। इसी पावन अवसर पर बुधवार, 5 नवम्बर 2025 को ॐ तत्सत् पारमार्थिक संस्था, चित्तौड़गढ़ के तत्वावधान में ज्योतिषाचार्य पं. विकास उपाध्याय के सान्निध्य एवं मार्गदर्शन में गंभीरी नदी तट पर भव्य एवं दिव्य दीपदान एवं गंगा आरती महोत्सव का आयोजन सम्पन्न हुआ।
वैदिक मंत्रोच्चार और वेदपाठ से हुआ मंगलारंभ
कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थापक ज्योतिषाचार्य पं. उपाध्याय के मार्गदर्शन में मुंगाना धाम वेद आश्रम के बटुकों द्वारा एवं वैदिक विद्वानों के मंगलाचरण और वेद मंत्रोच्चार के साथ हुआ।
इस दौरान नरेशदत्त व्यास,पं. कौशल शर्मा, योगेश RO, प पीयूष धनेत, प अरविंद शर्मा, प मुकेश शर्मा, मयंक शर्मा सीए, प रतन पारलिया, रत्नेश शर्मा, रवि शर्मा, प दीपक शर्मा, रजनीश दाधीच, दीपक उपाध्याय, ओमप्रकाश शर्मा और कपिल शर्मा, किशन शर्मा, प्रहलाद सुखवाल, अशोक तिवारी सहित विद्वानों ने मंगलसूक्त पाठ, गणपति वंदना, कुलदेवी पूजन और भगवान श्रीहरि विष्णु का पूजन करते हुए जल से पवित्रीकरण किया।
तत्पश्चात धूप, दीप और नैवेद्य के साथ गंगा स्वरूपा भगवती गंभीरी की आरती संपन्न की गई।
इस दौरान आकर्षक आतिशबाज़ी भी की गई, जिसने रात्रि के आकाश को रंगीन रोशनी से आलोकित कर दिया।
101 दीपों से महाआरती और 2100 दीपों का प्रवाह
गंगा आरती वैदिक विधि-विधान से सम्पन्न हुई, जिसमें 101 दीपों से बनी 7 आरती से महाआरती की गई। यह आरती लगभग 51 मिनट तक मंत्रोच्चार और शंखध्वनि के मध्य चली इस दौरान डॉ गौरांग पानेरी और देशबंधु जोशी का आशीर्वाद भी प्राप्त हुआ।
इसके पश्चात श्रद्धालुओं एवं मातृशक्ति द्वारा 2100 दीपों का गंभीरी नदी में प्रवाह किया गया, जिससे पूरा नदी तट दीपों के सागर में परिवर्तित हो गया।
रात्रि का वह दृश्य अद्भुत था मानो देव दीपावली का स्वर्गिक प्रकाश पृथ्वी पर उतर आया हो।
लोकमंगल, शांति और मंगलकामना का दीपदान
कार्यक्रम से संबंधित जानकारी देते हुए आशुतोष त्रिपाठी ने बताया कि ज्योतिषाचार्य पं. विकास उपाध्याय के सान्निध्य में यह आयोजन समाज में एकता, शांति और लोकमंगल की भावना से प्रेरित है।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष के दीपदान में सामाजिक समरसता और लोकसेवा की भावना को विशेष रूप से जोड़ा और इसी क्रम में जनसेवा और राष्ट्रहित के प्रतीक रूप में चित्तौड़गढ़ सांसद सी.पी. जोशी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में भी दीप प्रज्वलित किए और उनके दीर्घायु एवं निरंतर कर रहे लोकसेवा के लिए मंगलकामनाएँ की गईं।
कार्यक्रम में अमरकंठ उपाध्याय, पं. मदनमोहन उपाध्याय, पं. दिनेश तिवारी, मदन शर्मा उपरेड़ा, विजयपुर प्रशासक श्यामलाल शर्मा, महेंद्र जोशी सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
साथ ही भोलाराम प्रजापत, एडवोकेट प्रशांत शर्मा, सुनील गुर्जरगौड़, भरत चाष्टा रेलवे, पवन शर्मा, राजेंद्र चतुर्वेदी और अशोक बसेर का भी विशेष सहयोग रहा और साथ ही ललित शर्मा और अशोक जोशी भी उपस्थित रहे।
वहीं महिलाओं में उमा शर्मा, इंद्रा देवी बसेर, पूजा दाधीच, इंद्रा सुखवाल, और तारा शर्मा, विनीता उपाध्याय, हर्षिता, द्वारा दीप व्यवस्था, सजावट और आरती में विशेष सहयोग प्रदान किया गया। आयोजन स्थल पर लगभग 1500 श्रद्धालु उपस्थित रहे, जिन्होंने भक्तिभाव से आरती और दीपदान में सहभागिता की।
कार्यक्रम के सफल एवं सुरक्षित आयोजन में स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग का भी सराहनीय सहयोग रहा यातायात नियंत्रण, सुरक्षा व्यवस्था और भीड़ प्रबंधन की उत्कृष्ट व्यवस्था की गई, जिससे श्रद्धालु बिना किसी अव्यवस्था के शांतिपूर्वक आयोजन का आनंद ले सके।
भक्ति और संस्कृति का जीवंत उत्सव
पूरे आयोजन के दौरान संगीतमय आरती, वैदिक मंत्रोच्चार और दीपों की झिलमिलाती ज्योति से गंभीरी नदी का तट एक दिव्य आलोक से भर उठा।
सैकड़ों श्रद्धालु “हरि ओम्” और “दीपमस्तु सर्वं जगत्” के जयघोष के साथ आरती में सहभागी बने।
कार्यक्रम के अंत में प्रसाद वितरण और मंगलकामनाओं के साथ आयोजन का समापन हुआ।
संस्था की ओर से बताया गया कि आने वाले वर्षों में इस दीपोत्सव को और व्यापक स्वरूप देकर इसे चित्तौड़गढ़ की सांस्कृतिक पहचान के रूप में स्थापित करने का प्रयास किया जाएगा।
देव दीपावली और कार्तिक पूर्णिमा का यह आयोजन श्रद्धा, भक्ति, संस्कृति और लोकमंगल का जीवंत प्रतीक बनकर चित्तौड़गढ़ को आलोकित कर गया।