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सीधा सवाल। कपासन। जैन साध्वियों का चातुर्मास विदाई समारोह अंबेश भवन में आयोजित किया गया। इस अवसर पर श्रमण संघीय महासाध्वी कंचन कंवर जी ने चातुर्मास को सफल बनाने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने प्रवचन के माध्यम से बताया कि व्यक्ति में लज्जा, दया और करुणा रहेगी तो मानव का उद्धार होगा।साध्वी कंचन कंवर जी ने कपासन श्रीसंघ, चंदन बाला महिला मंडल, युवा मंडल और बालिका मंडल सहित सभी सहयोगियों के प्रति आभार ज्ञापित किया। उन्होंने बताया की सभी के सहयोग और समर्पण भाव से यह चातुर्मास जप, तप और धर्म साधना की दृष्टि से सफल हो पाया। उन्होंने जाने अनजाने हुई किसी भी त्रुटि के लिए क्षमायाचना भी की।साध्वी डॉ. सुलोचना श्री जी म.सा. ने कहा कि चातुर्मास में जिस तरह तप, त्याग और धर्म प्रभावना का माहौल रहा, वह सदा स्मरणीय रहेगा। उन्होंने जोर दिया कि चातुर्मास समाप्त होने के बाद भी धर्म साधना निरंतर जारी रहनी चाहिए।डॉ. सुलोचना ने कहा कि चातुर्मास का आरंभ और समापन एक धार्मिक प्रक्रिया हैं। लेकिन तप, त्याग और जिन शासन भक्ति का दौर अनवरत चलना चाहिए। उन्होंने बताया कि धर्म से जुड़ाव और उसकी आराधना ही जीवन को सार्थक बना सकती है। जिनवाणी श्रवण कर प्राप्त ज्ञान को आत्मसात करने से ही जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।विदाई समारोह में श्रमण संघ के अध्यक्ष सूर्य प्रकाश सिरोया ने अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि तप, त्याग और धर्म भक्ति से परिपूर्ण यह सफल चातुर्मास हमेशा याद रहेगा। सिरोया ने साध्वीवृंद से जल्द पुनः पधारने और अपना आशीर्वाद बनाए रखने का आग्रह भी किया।शुक्रवार को महासाध्वियो द्वारा सुबह नो बजे भव्य जुलूस के साथ अंबेश भवन से विहार कर आर्दश कालोनी तेरापंथ भवन मे प्रवेश करेंगे ।इस दौरान शंकर लाल लोढा, राहुल हिंगड, गजेन्द्र बाघमार, अशोक चण्डालिया, महिला मंडल अध्यक्ष प्रियंका दुग्गड, सुशिला खाब्या, सुनीता सिरोया, सुनीता सांवला, कुसुम ढीलीवाल, आजाद ढीलीवाल, प्रियका आंचलिया, प्रेमलता सिरोया, अनिल बाघमार, ओम चण्डालिया, रूप लाल डांगी, प्रकाश आंचलिया, अशोक बाफना, हेमंत सिरोया, प्रकाश चण्डालिया मौजूद रहे।