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हवन, महाआरती, भैरव भक्ति भजन, छप्पन भोग व अन्नकूट आयोजन
सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। बोजुन्दा पॉलिटेक्निक कॉलेज के समीप स्थित श्री कालभैरव (श्री काला जी बावजी) देव स्थल पर कालभैरव जन्मोत्सव अष्टमी के अवसर पर हवन, पूजन, अनुष्ठान, महाआरती, भजन कार्यक्रम व छप्पन भोग एवं अन्नकूट का आयोजन किया गया। आयोजन में संत विनोदचंद्र यति गुरुजी ने शिरकत की व आसपास सहित सुदूरस्थ क्षेत्र से बड़ी संख्या में श्रद्धालु एवं विशिष्ट जन और जनप्रतिनिधि शामिल हुए।
यह जानकारी देते हुए पुजारी बाबूलाल जटिया सतखंडा ने बताया कि श्री काल भैरव जन्मोत्सव, भैरव अष्टमी, के उपलक्ष में मंगलवार को रात्रि में जागरण की गई। जबकि मुख्य आयोजन बुधवार को प्रातः हवन अनुष्ठान किया, इसके बाद श्री काल भैरव जी की महाआरती की गई। शंकर लक्खा एण्ड पार्टी के सुप्रसिद्ध कलाकारों द्वारा संगीत की धुन के साथ महा आरती की गई और भजन कार्यक्रम प्रारंभ हुआ जो शाम तक चला। श्री काल भैरव जी व देवताओं को छप्पन भोग अर्पित कर अन्नकूट महाप्रसादी का आयोजन किया गया ।
इस दौरान दिनभर मेवाड़ के प्रसिद्ध भजन गायक शंकर लक्खा एण्ड पार्टी का भजन संध्या आयोजन जारी रहा, शाम तक श्रद्धालु भैरव भक्ति के भजनों और शिव तांडव स्त्रोत, ब्रम्हा विष्णु महास्त्रोत्र, नवदुर्गास्त्रोत्र की स्तुतियों पर झूमते रहे। आयोजन में भजन गायक शंकर लक्खा द्वारा श्री काल भैरव अष्टक का संगीत मय विमोचन भी किया।
आयोजन में सायंकाल संत विनोदचंद्र यति गुरुजी ने शिरकत की। इस मौके पर भजन संध्या के दौरान श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए यति जी ने कहा बाबा सभी की मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं। उन्होंने चित्तौड़गढ़ सहित देश की खुशहाली सुख समृद्धि और सुख शांति की मंगल कामनाएं की। उन्होंने श्रद्धालुओं से भी आह्वान किया कि श्री काल भैरव जी से सभी के कल्याण की कामना करें और श्रद्धापूर्वक भक्ति भाव से आशीर्वाद प्राप्त करें।
उल्लेखनीय है कि अति प्राचीन श्री काल भैरव ( श्री काला बावजी) मंदिर युगादि चमत्कारिक देवस्थल है। यहां प्रत्येक शनिवार को बावजी की गादी लगती है, और माह की प्रत्येक अष्टमी को श्री कालिका माता जी की महाआरती की जाती है।
इस धर्म स्थल पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का वर्ष भर आवागमन रहता है।
मान्यता है कि यहां श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूरी होती है, और दैहिक, दैविक, भौतिक कष्टों से मुक्ति भी मिलती है।
यहां आने वाले श्रद्धालुओं ने बताया कि चित्तौड़गढ़ जिले के आसपास ही नहीं, बल्कि राजस्थान सहित मुंबई, दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश व अन्य राज्यों से यहां श्रद्धालु आते हैं और अपनी मनोकामना की पूर्ति पर धन्य होते हैं।