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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। राजकीय कन्या महाविद्यालय में भगवान बिरसा मुंडा जयंती के उपलक्ष्य में जनजातीय गौरव दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया। राष्ट्रीय सेवा योजना, साहित्यिक समिति एवं आईक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. गौतम कुमार कूकड़ा ने की। कार्यक्रम अधिकारी डॉ. जसप्रीत कौर ने बताया कि इस अवसर पर छात्राओं में जनजातीय इतिहास, संस्कृति और स्वतंत्रता संग्राम के गौरवपूर्ण योगदान को समझाने हेतु विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। भाषण प्रतियोगिता में निशी शर्मा प्रथम, पूजा कंवर भाटी द्वितीय और श्रुति गोस्वामी तृतीय रहीं। चित्रकला प्रतियोगिता में अनुष्का चौहान ने प्रथम, महक मुंदड़ा ने द्वितीय और दीक्षिता नाहर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। निबंध प्रतियोगिता में पूजा कंवर भाटी प्रथम, कृष्णा राणावत एवं दीपिका भाम्भी संयुक्त द्वितीय तथा कीर्ति कुमारी तृतीय स्थान पर रहीं। प्रतियोगिताओं में निर्णायक के रूप में डॉ. ज्योति कुमारी, शंकरबाई मीणा, श्याम सुंदर पारीक, गोपाललाल जाट एवं दिव्या चारण ने अपनी भूमिका निभाई। साहित्यिक समिति प्रभारी शंकरबाई मीणा ने अपने विस्तृत और प्रेरक व्याख्यान में भगवान बिरसा मुंडा के जीवन के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि बिरसा मुंडा न केवल एक महान जननायक थे बल्कि जनजातीय समाज के उत्थान, शिक्षा और सामाजिक सुधार के मजबूत स्तंभ भी थे। कम उम्र में ही उन्होंने अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों और अन्याय के विरुद्ध संघर्ष का बिगुल फूंका। उन्होंने ‘उलगुलान’ अर्थात् महान आंदोलन की शुरुआत की, जिसने आदिवासी समाज को शोषण, बेगारी और भूमि अधिग्रहण के खिलाफ एकजुट होने की प्रेरणा दी। व्याख्यान में यह भी उल्लेख किया गया कि बिरसा मुंडा ने समाज को अंधविश्वासों से दूर रहने, स्वच्छता अपनाने, शिक्षा के महत्व को समझने और अपने पारंपरिक अधिकारों की रक्षा के लिए जागरूक होने का संदेश दिया। शंकर बाई मीणा ने बताया कि मात्र 25 वर्ष की आयु में ही बिरसा मुंडा ने वह प्रभाव छोड़ दिया, जिसे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में याद किया जाता है। उन्होंने छात्राओं से बिरसा मुंडा के साहस, समर्पण और नेतृत्व क्षमता से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। प्राचार्य डॉ.कूकड़ा ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि जनजातीय गौरव दिवस हमें अपनी विविधतापूर्ण संस्कृति और देश के जनजातीय वीरों के योगदान को समझने का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्राओं को शुभकामनाएँ दीं और कहा कि ऐसे आयोजन छात्राओं में इतिहास के प्रति संवेदनशीलता और सामाजिक जागरूकता का भाव उत्पन्न करते हैं।
महाविद्यालय परिवार के समस्त संकाय सदस्य डॉ. सी.एल. महावर, डॉ.इरफान अहमद डॉ. लोकेश जसोरिया, रेखा मेहता, जयश्री कुदाल, रिंकी गुप्ता, डॉ. श्याम सुन्दर पारीक, डॉ. प्रीतेश राणा,शांतिलाल, अमित आकाश, वंदना शर्मा, जगदीश, गोपाल लक्षाकार,पार्वती एवं छात्राओं ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।