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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। योग प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान केंद्र प्रभारी डॉ मुकेश माली ने बताया कि उपनिदेशक महोदय आयुर्वेद विभाग चित्तौड़गढ़ डॉ तरुण जी प्रमाणिक के मुख्य आतिथ्य में प्राकृतिक चिकित्सा दिवस18 नवंबर को जल नेति चिकित्सा शिविर, एवं आंवला जूस का वितरण कर मनाया गया। इस अवसर पर उपनिदेशक ने बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा एक प्राचीन चिकित्सा पद्धति है जिसमें किसी भी प्रकार का कोई दुष्प्रभाव नहीं है अतः प्रतिदिन योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा को अपने दैनिक जीवन में शामिल करके हम सदेव स्वस्थ रह सकते है।
योग प्राकृतिक चिकित्सा अधिकारी डॉ मुकेश माली ने बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से सभी प्रकार के रोगों का उपचार बिना किसी दुष्प्रभाव के संभव है इस पद्धति में जल नेती, कुंजल क्रिया, शंख प्रक्षालन, एक्यूप्रेशर, योग , आहार चिकित्सा, आदि के द्वारा कमर दर्द ,मधुमेह, पक्षाघात, उच्च रक्तचाप, पेट संबंधी रोग, जोड़ों के दर्द ,आदि का उपचार चिकित्सालय में प्रतिदिन किया जा रहा है एवं आमजन इसका लाभ ले रहे है ।इस अवसर पर सहायक निदेशक डॉ लवकुश पाराशर, वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी अनिल सिसोदिया , सहायक लेखाधिकारी पीयूष , नर्स कंचन कवर , कनिष्ठ सहायक विनोद कुमार ,वरिष्ठ कम्पा. गोविंद धाकड़, राकेश कन्नोजिया एवं चिकित्सा लाभ ले रहे रोगी उपस्थित रहे।