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कल शास्त्र यात्रा के साथ होगा गीता जयंती समारोह का समापन
सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। संस्कृत भारती चित्तौड़गढ़, ओम् तत्सत् पारमार्थिक संस्था तथा अमर विकास समिति के संयुक्त तत्वावधान में मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी, विक्रम संवत् 2082 को मनाई जाने वाली गीता जयंती के उपलक्ष में पूर्व संध्या पर अष्टादश प्रतियोगिताओं का अत्यंत उत्साहपूर्ण आयोजन किया गया। महाभारत के 18 पर्व, गीता के 18 अध्याय और युद्ध के 18 दिवस की प्रतीकात्मकता को दर्शाती इन प्रतियोगिताओं में जिले की अनेक शिक्षण संस्थाओं एवं गुरुकुलों के 100 से अधिक प्रतिभागियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ रामस्नेही संप्रदाय के संत श्री दिग्विजय राम जी तथा आरएनटी कॉलेज के संस्थापक डॉ. वसीम खान ने किया। कार्यक्रम संयोजक डॉ. श्यामसुन्दर पारीक ने बताया कि प्रतियोगिताओं में श्रीकल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय निम्बाहेड़ा, चेतन वेद गुरुकुल मुंगाणा आश्रम, श्री सांवलियाजी गुरुकुल मंडफिया, राजकीय कन्या महाविद्यालय, वेलोसिटी हाई स्कूल, विद्या निकेतन सहित कई संस्थाओं के प्रतिभागियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
प्रत्येक प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने दिखाया कौशल
कार्यक्रम सचिव हेमेंद्र कुमार सोनी ने बताया कि श्लोक पाठ, सूक्ति–सुभाषित, संस्कृत गीत, संभाषण, कथा वाचन, पत्र लेखन, शब्दकोश, मंत्रोच्चारण, कालगणना, स्तोत्र गायन, शास्त्रार्थ, छन्द गायन, नाट्य मंचन सहित कुल 18 प्रतियोगिताओं में विजेता प्रतिभागियों का चयन पंच सदस्यीय निर्णायक मंडल द्वारा किया गया।
वेदों के अनुसार मंत्रोच्चारण में भी विशेष उत्साह
मंत्रोच्चारण प्रतियोगिता में ऋग्वेदी, यजुर्वेदी, सामवेदी और अथर्ववेदी प्रतिभागियों ने अपने-अपने शाखाओं के मंत्रों का प्रभावशाली पाठ कर वातावरण को दिव्य बना दिया।
01 दिसम्बर को गीता जयंती पर होगा सम्मान समारोह
संस्कृत भारती चित्तौड़गढ़ के नगर मंत्री भृगुकुमार शर्मा ने बताया कि सभी विजेताओं को 1 दिसम्बर को गीता जयंती समारोह के दौरान सम्मानित किया जाएगा।
कल प्राचीन शास्त्र यात्रा बनेगी मुख्य आकर्षण
ज्योतिषाचार्य पं. विकास उपाध्याय ने बताया कि गीता जयंती का शुभारम्भ ‘शास्त्र यात्रा’ से होगा, जिसमें प्राचीन ग्रंथों एवं दुर्लभ पाण्डुलिपियों को शोभायमान किया जाएगा। चारों वेदों के मंगलाचरण से प्रारंभ होने वाले इस कार्यक्रम में विद्वान जन सामूहिक रूप से गीता के प्रमुख मंत्रों का पाठ करेंगे तथा सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र एवं पारितोषिक प्रदान किए जाएंगे।
कार्यक्रम में ऋग्वेदाचार्य ओम पाण्डेय, यजुर्वेदाचार्य प्रवीण शर्मा, वेदाध्यापक पूर्णेन्दु मिश्र, सीए सुनील भण्डारी, विकास वैष्णव, मुकेश कुमार साहु, पं. कौशल सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।
गीता जयंती की पूर्व संध्या पर संस्कृत तथा वैदिक परंपरा से ओतप्रोत यह आयोजन—चित्तौड़गढ़ में आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक चेतना का अनूठा संगम बना।