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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। शहर में निंबाहेड़ा मार्ग स्थित एक शोरूम पर ट्रेलर से ट्रैक्टर उतारने के दौरान हादसा हो गया।ट्रैक्टर एक श्रमिक के ऊपर जा गिरा, जिसे गंभीर अवस्था में उदयपुर रेफर किया। लेकिन रास्ते में उसने दम तोड़ दिया। वहीं हादसे की जानकारी मिलने पर परिजन शोरूम मालिक की एक अन्य फर्म कार शोरूम पहुंचे और प्रदर्शन कर दिया। सूचना मिलने के बाद सदर थाने का जाब्ता मौके पर तैनात किया गया। पुलिस ने मौके पर पहुंच समझाईश किम शोरूम के मालिक से भी समाज के लोग मृतक के आश्रितों को आर्थिक सहायता दिलाने और कानूनी कार्रवाई की मांग की। बाद में मृतक आश्रितों को 25 लाख की आर्थिक सहायता देने पर परिजन शव के पोस्टमार्टम को राजी हुवे।
सदर थानाधिकारी निरंजन प्रताप सिंह ने बताया कि निंबाहेड़ा मार्ग पर सदर थाने के सामने फार्मट्रेक का शोरूम है। यहां पंचदेवला निवासी नारायण पुत्र ऊंकार भोई काम करता है।सोमवार को ट्रेलर में शोरूम पर ट्रैक्टर लेकर आए थे। ट्रैक्टर उतारने के दौरान यह हादसा हो गया। एक ट्रैक्टर नारायण के ऊपर जा गिरा, जिससे इसके सीने में गंभीर चोट लगी। इसे उपचार के लिए जिला चिकित्सालय लेकर गए, जहां से उदयपुर रेफर कर दिया। लेकिन रास्ते में इसने दम तोड़ दिया। ऐसे में शव को पुनः चित्तौड़गढ़ लाया गया, जहां जिला चिकित्सालय में पोस्टमार्टम की कार्यवाही की।
परिजनों में आक्रोश, लगाया लापरवाही का आरोप
इधर, हादसे की जानकारी मिलने के बाद मृतक के परिजन एवं समाज के लोग ट्रैक्टर शोरूम पहुंचे। लेकिन यहां पर ट्रैक्टर शोरूम बंद मिला। ट्रैक्टर शोरूम के यहां से ट्रेलर एवं नीचे गिरा ट्रैक्टर को भी हटा दिया गया था। ऐसे में ट्रैक्टर शोरूम के मालिक की एक अन्य फर्म हुंडई कार के शोरूम पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। इस दौरान परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्यवाही की मांग की। यहां पार्षद बालकिशन भोई, पूर्ण किर, प्रिंस शर्मा, योगेश दशोरा, विनोद भोई सहित बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।
15 साल से कर रहा था काम
चित्तौड़गढ़ नगर परिषद के पार्षद बालकिशन भोई ने बताया कि पंचदेवला निवासी नारायण उसका रिश्तेदार है। वह करीब 15 सालों से यहां काम कर रहा था। उसके परिवार की आर्थिक स्थिति भी ज्यादा अच्छी नहीं है। परिवार में कमाने वाला भी यही था। ऐसे में समाज के लोगों की मांग है कि इस मामले में ट्रैक्टर शोरूम मालिक के खिलाफ कार्रवाई की जाए तथा मृतक के आश्रितों को भी आर्थिक मुआवजा दिया जाए। बाद में करीब 25 लाख की आर्थिक सहायता पर सहमति बनी।