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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। संस्कृत भारती चित्तौड़गढ़, ॐ तत्सत् पारमार्थिक संस्था एवं अमर विकास समिति के संयुक्त तत्वावधान में मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी, विक्रम संवत् 2082 (सोमवार 01 दिसम्बर) को गीता जयन्ती का भव्य आयोजन अत्यंत श्रद्धा और उत्साह के साथ सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुंगाणा आश्रम के श्री अनुज दास जी महाराज तथा श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय, निम्बाहेडा के कुलाधिपति कैलाशचन्द मूंदड़ा द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। वैदिक बटुकों के वेदमंत्र स्वस्तिवाचन और बालिकाओं द्वारा प्रस्तुत संस्कृत स्तुति ने पूरा वातावरण दिव्य ऊर्जा से भर दिया।
कार्यक्रम संयोजक डॉ. श्यामसुन्दर पारीक एवं ज्योतिषाचार्य पंडित विकास उपाध्याय ने बताया कि महाभारत के 18 पर्व, गीता के 18 अध्याय और युद्ध के 18 दिवसों की स्मृति में अष्टादश प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिनमें श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय निम्बाहेडा, चेतन वेद गुरुकुल मुंगाणा आश्रम, श्री सांवलियाजी गुरुकुल मंडफिया, राजकीय कन्या महाविद्यालय, वेलोसिटी हाई स्कूल, विद्या निकेतन सहित अनेक संस्थानों के विद्यार्थियों एवं अभिभावकों ने उत्साहपूर्ण भागीदारी निभाई।
जिलास्तरीय प्रतियोगिताओं के परिणाम कार्यक्रम सचिव हेमेंद्र कुमार सोनी द्वारा घोषित किए गए। श्लोक पाठ से लेकर सूक्ति–सुभाषित, संस्कृत गीत, संभाषण, पत्र लेखन, शब्दकोश, कथा वाचन, वैदिक मंत्रोच्चारण, कालगणना, स्तोत्रगान, गीता श्लोक शास्त्रार्थ, शब्द–रूप और धातु–रूप अभ्यास, वेद प्रश्नोत्तरी, छन्द–गायन, संस्कृत नाट्य मंचन, नीति–श्लोक शास्त्रार्थ तथा संस्कृत रील्स जैसी सभी प्रतियोगिताओं में चेतन शर्मा, जयश्री कुमावत, हेमन्त शर्मा, निशि शर्मा, सक्षम वैरागी, ललित शर्मा, धीरज शर्मा, दीपक शर्मा, अनन्या कुमावत, प्रिंस शर्मा, नमन शर्मा, अल्का गर्ग, पायल खंगारोत, ज्योति तेली, सिद्धान्त पारीक, निरमा धाकड़, खुशी नागदा, अनिता सुखवाल, रेणु माली, रचना पूर्बिया, निरंजन वैष्णव, पलक सोमानी, निशा साल्वी, भगवंती मीणा, नमन शर्मा, पीयूष शर्मा, भूपेन्द्र शर्मा, मधुसूदन नागदा, गौरी शर्मा, दिव्यांशु व्यास, युवराज आचार्य, मयंक शर्मा, कृष्णा रेगर, सोनी खुशी रामनिवास, विकास वैष्णव, देवांश व्यास, दिलीप वैष्णव, हर्षित पुष्करणा, लक्की राठौड़, ज्योति सुथार, प्रमोद शर्मा, दुर्गा मीणा, पायल समूह, अल्का–ज्योति समूह आदि प्रतिभागियों ने अपने उत्कृष्ट कौशल से सभी को प्रभावित किया। सभी विजेताओं को मंच पर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण चित्तौड़गढ़ की प्रथम संस्कृत शास्त्र शोभायात्रा रही, जिसने नगरवासियों का विशेष ध्यान आकर्षित किया। धर्मध्वज धारण कर श्री अनुज दास जी महाराज ने इस ऐतिहासिक यात्रा का शुभारम्भ किया। परंपरागत वैदिक वेशभूषा में सज्जित बटुकों ने शंख–घंटानाद और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ चारों वेद, पुराण, आयुर्वेद, साहित्य, दर्शन, व्याकरण, धर्मशास्त्र, ज्योतिष तथा कर्मकाण्ड आदि शास्त्रों के ग्रन्थों को मस्तक पर धारण कर नगर भ्रमण किया। इस भव्य शोभायात्रा ने भारतीय संस्कृति के आधारभूत शास्त्रीय वैभव का प्रभावी परिचय जनसामान्य तक पहुँचाया।
इस आयोजन में संस्कृत भारती जिला सह संयोजक विक्रमसिंह राठौड़, नगर मंत्री भृगुकुमार शर्मा, सीए सुनील भण्डारी, ज्योतिषाचार्य पं. विकास उपाध्याय, वेदाध्यापक पूर्णेन्दु मिश्र, मनीष कुमार सोनी, पं. कौशल शर्मा, पं. रत्नेश केलि, पं. पीयूष शर्मा, अशोक बसेर सहित अनेक विद्वानों एवं सेवाव्रती कार्यकर्ताओं का विशेष सहयोग रहा, जिनकी उपस्थिति से कार्यक्रम और अधिक गौरवपूर्ण बन सका।