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जिले में अब तक 38,000 मीट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति, किसानों से आवश्यकता अनुसार उपयोग करने की अपील
सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। जिले में इस वर्ष गेंहूं की फसल का क्षेत्रफल बढ़ने तथा माह अक्टूबर में एक साथ हुई अच्छी बारिश के कारण एक ही समय में व्यापक स्तर पर बुवाई की गई, जिससे यूरिया उर्वरक की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले वर्ष गेंहूं का क्षेत्रफल 1,40,150 हैक्टर था, जबकि रबी 2025 में अब तक 1,55,100 हैक्टर क्षेत्र में बुवाई हो चुकी है तथा इसमें और वृद्धि की संभावना है। बढ़ते क्षेत्रफल के कारण जिले में यूरिया की मांग भी बढ़ी है।
रबी 2025 के लिए 55,600 मीट्रिक टन यूरिया की मांग के विरुद्ध अब तक लगभग 38,000 मीट्रिक टन यूरिया प्राप्त हो चुका है, जो पिछले वर्ष की तुलना में नवंबर माह तक लगभग 3,000 मीट्रिक टन अधिक है। जबकि यह मांग रबी 2024-25 में 53200 MT थी! सयुंक्त निदेशक कृषि कार्यालय से डॉ. शंकरलाल जाट ने बताया कि आज आरसीएफ रैक से 8,000 बैग यूरिया प्राप्त हुआ, जिसे कृषकों को वितरण किया जा रहा है। वहीं, इसी सप्ताह ईफको, एचयूआरएल एवं डीएससीएल रैक से 50,000 बैग यूरिया और आने की संभावना है, जिसे क्षेत्रीय मांग के अनुसार संबंधित ग्राम सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति में वितरित किया जाएगा।
कृषि विभाग ने कृषकों से अपील की है कि यूरिया का उपयोग आवश्यकता अनुसार ही करें तथा अनावश्यक भंडारण से बचें। जिले को आगामी दिनों में लगातार यूरिया उपलब्ध हो सके, इसके लिए स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं जिला प्रशासन सतत प्रयासरत हैं साथ ही उर्वरक विक्रेताओं को निर्देशित किया कि किसी भी प्रकार की शिकायत प्राप्त होने पर उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी!
उर्वरक नियंत्रण कक्ष स्थापित
किसानों को समय पर एवं सुगमता से यूरिया उपलब्ध कराने हेतु जिला परिषद् चित्तौड़गढ़ स्थित संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) कार्यालय में जिला स्तरीय उर्वरक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।
यूरिया की काला बाजारी, अधिक दर से विक्रय या किसी भी अन्य शिकायत के लिए किसान मुकेश कुमार धाकड़, सहायक निदेशक (नियंत्रण कक्ष प्रभारी)
मो. नं. 9829232675 एवं
भंवर सिंह, सहायक कृषि अधिकारी (सहायक प्रभारी)
मो. नं. 9414831376 से संपर्क कर सकते हैं
किसानों से अपील है कि किसी भी अनियमितता की सूचना तत्काल नियंत्रण कक्ष या संबंधित कृषि अधिकारी को दें।