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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। राजकीय कन्या महाविद्यालय में कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. सी. एल. महावर की अध्यक्षता में महिला प्रकोष्ठ तथा आई. क्यू. ए. सी. के संयुक्त तत्वावधान में जेंडर संवेदीकरण विषय पर व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया । प्राचार्य ने कहा कि छात्राओं को समाज में हो रहे लैंगिक भेदभाव के प्रति जागरूक होना चाहिए । महिला प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. अजू चौहान ने कहा कि राज्य महिला नीति 2021 के गतिविधि केलेण्डर के अनुसार दिसम्बर माह में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, इसका मुख्य उद्देश्य लैंगिक समानता से संबंधित मुद्दो के प्रति जागरूकता बढ़ाना और लिंग आधारित पूर्वाग्रहों व रूढियों को ख़त्म करने के लिए लोगों के दृष्टिकोण और व्यवहार को बदलना है । विश्व आर्थिक मंच की ‘वैश्विक लैंगिक अंतराल 2025 के अनुसार भारत 148 देशों में 131 वें स्थान पर है, साथ ही समानता का समग्र स्कोर 64.1% है जो यह दर्शाता है कि आर्थिक अवसर, शिक्षा, स्वास्थ्य और राजनीतिक भागीदारी जैसे क्षेत्रों में अभी भी लैंगिक अंतराल मौजूद है । समिति सदस्य शंकर मीना ने लैंगिक समानता पर अपने विचार व्यक्त करते हुए समानता और समता में अंतर बताते हुए इन्हें एक दूसरे का पूरक बताया और कहा कि समान अवसरों तक पहुँचने के लिए समता का होना आवश्यक है ।इस कार्यक्रम में डॉ. इरफान अहमद, डॉ. लोकेश जसोरिया, रेखा मेहता, डॉ. ज्योति कुमारी, जयश्री कुदाल, रिंकी गुप्ता, डॉ. श्यामसुन्दर पारीक, गोपाल लाल जाट, दिव्या चारण व वंदना जी उपस्थित रहे।