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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। राज्य के चित्तौड़गढ़ स्थित सैनिक स्कूल में स्कूल के प्राचार्य कर्नल अनिल देव सिंह जसरोटिया उप प्राचार्य लेफ्टिनेंट कर्नल पारुल श्रीवास्तव एवं प्रशासनिक अधिकारी मेजर सी श्रीकुमार के निर्देशन में दो दिवसीय अंतर सदनीय सांस्कृतिक प्रतियोगिता आयोजित हुई। स्कूल के शंकर मेनन सभागार में आयोजित हुई इस प्रतियोगिता के मुख्य अतिथि स्कूल के प्राचार्य कर्नल अनिल देव सिंह जसरोटिया एवं विशिष्ट अतिथि स्कूल कैम्पस की प्रथम महिला श्रीमती मोनिका जसरोटिया रहीं। अतिथियों का स्कूल के सीनियर मास्टर ओंकार सिंह एवं प्रतियोगिता के संयोजक सी एल भंडारकर ने स्वागत किया। मुख्य अतिथि ने इस अवसर पर कहा कि अंतर सदनीय सांस्कृतिक प्रतियोगिता का उद्देश्य केवल प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि एक ऐसा मंच प्रदान करना है जहाँ छात्र अपनी रचनात्मकता, कल्पनाशक्ति और सामूहिक भावना को प्रदर्शित कर सकें। यह प्रतियोगिता न केवल छात्रों के आत्मविश्वास को बढ़ाती है, बल्कि उन्हें यह भी सिखाती है कि टीमवर्क और समर्पण के साथ किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है।
स्कूल के जनसंपर्क अधिकारी बाबूलाल शिवरान ने बताया कि इस प्रतियोगिता में स्वच्छ भारत, पौराणिक नाटक, भारत 2050, सामाजिक बुराइयाँ आदि थीम पर आधारित हिंदी नाटक और अंग्रेजी नाटक, समूह नृत्य, वाद्य यंत्र के साथ समूह गीत, एंकरिंग आदि को शामिल किया गया हैं। लव हाउस के कैडेट्स ने हिन्दी नाटक एकलव्य की गाथा, सामाजिक बुराइयों पर आधारित अंग्रेजी नाटक, कुश हाउस के कैडेट्स ने आधुनिक रामायण पर आधारित हिंदी नाटक, अन्धविश्वास पर आधारित अंग्रेजी नाटक, प्रताप हाउस के कैडेट्स ने आधुनिक युग में रोबोट का महत्त्व पर आधारित अंग्रेजी नाटक, बादल हाउस के कैडेट्स ने बच्चों पर पढाई का बोझ पर आधारित हिंदी नाटक, कृष्ण सुदामा के मिलन पर आधारित अंग्रेजी नाटक, सांगा हाउस के कैडेट्स ने रामायण में सीता का स्वयंवर पर आधारित हिंदी नाटक, जयमल हाउस के कैडेट्स ने भरत मिलाप पर आधारित नाटक, पद्मिनी हाउस के कैडेट्स ने इंडिया 2050, कुम्भा हाउस के कैडेट्स ने नरसिंह अवतार पर आधारित हिंदी नाटक एवं हमीर हाउस अन्धविश्वास पर आधारित नाटक की प्रस्तुति दी।
कैडेट्स की समूह नृत्य एवं समूह गीत प्रतियोगिताओं ने सभी दर्शकों को झुमने पर मजबूर कर दिया। अंधविश्वास पर आधारित अंग्रेजी नाटकों ने दर्शकों को सोचने पर मजबूर किया। कैडेटों की प्रभावशाली संवाद अदायगी, अभिव्यक्ति और मंच संचालन ने दर्शकों को प्रभावित किया। विशेष रूप से हिंदी नाटकों में देशभक्ति और सामाजिक चेतना का संदेश प्रमुखता से उभरा, जबकि अंग्रेजी नाटकों में आधुनिक परिवेश और समसामयिक मुद्दों को रचनात्मक ढंग से प्रस्तुत किया गया।
इस प्रतियोगिता में पद्मिनी हाउस प्रथम, जयमल हाउस द्वितीय एवं हमीर हाउस तीसरे स्थान पर रहा। कार्यक्रम के निर्णायक मंडल में डॉ. हेमलता महावर, श्रीमती अदिति एवं अकाउंटेंट मनिषा चैखड़ा सम्मिलित थीं। संगणक का कार्य गणित के अध्यापक धर्मेन्द्र यादव ने किया। अंत में मुख्य अतिथि ने प्रथम एवं द्वितीय स्थान पर आने वाले पद्मिनी एवं जयमल हाउस को नगद पुरस्कार, ट्रॉफी एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किये एवं बधाई दी।