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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। डॉ. भीमराव अंबेडकर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय छात्रावास में भारत रत्न और संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर का महापरिनिर्वाण दिवस पूरी श्रद्धा, गरिमा और सेवा भाव के साथ मनाया गया। महाविद्यालय प्राचार्य हेमेंद्रनाथ व्यास ने बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन कर भावभीनी श्रद्धांजली देते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर जय सिंह मीणा द्वारा छात्रावास के छात्रों के ज्ञानवर्धन हेतु 20,000 रुपये मूल्य की प्रतियोगी एवं पाठ्य पुस्तकें और एक अलमारी भेंट की गई। इन शिक्षण सामग्रियों और अलमारी का औपचारिक वितरण और लोकार्पण करते हुए प्राचार्य हेमेंद्रनाथ व्यास ने छात्रों को संबोधित करते हुए बताया कि बाबा साहेब ने हमें समानता और न्याय का मार्ग दिखाया है। आज पुस्तकों का यह उपहार उनके 'शिक्षित बनो' के मूल मंत्र को सार्थक करता है। एक छात्र के रूप में उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम इन पुस्तकों का सदुपयोग करें और राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दें। श्री बालकृष्ण लड्डा ने छात्रों को बाबा साहेब के जीवन संघर्षों से प्रेरणा लेने की बात कही और दानदाता जय सिंह मीणा के सहयोग की सराहना की। पूर्व सांस्कृतिक छात्रावास सचिव श्री हरीश बारेठ ने बाबा साहेब के विचारों पर प्रकाश डालते हुए सभी छात्रों को एकजुट होकर रहने का संदेश दिया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से अभिषेक सालवी, लोकेश खटीक, प्राण कोली, केसरीमल मीना, किशन खटीक, रतन रैगर, दिलखुश गमेती, कन्हैया बैरवा, उषन, बबलू सालवी, विनोद नायक, परवीन कालबेलिया, सोनू नायक, नाथूराम मीणा, मुकेश मीणा, भगीरथ, कमलेश, दिनेश, बबलू, अभिमन्यु, गौरव और रतन मीणा सहित अनेक छात्र उपस्थित रहे। अंत में, सभी उपस्थित जनों ने दो मिनट का मौन रखकर बाबा साहेब को श्रद्धांजलि अर्पित की।