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विजय दिवस की 55वीं वर्षगांठ पर आज सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में होगा भव्य आयोजन
सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में विजय दिवस की 55वीं वर्षगांठ अत्यंत गरिमा गौरव एवं देशभक्ति की भावना के साथ मनाई जाएगी। यह दिवस भारतीय सशस्त्र बलों की अद्वितीय वीरता शौर्य और बलिदान को समर्पित होगा। कार्यक्रम में राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे जबकि भूतपूर्व सैनिक सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्नल देव आनंद विशिष्ट अतिथि के रूप में समारोह में सहभागिता करेंगे।
माननीय शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के स्कूल पहुंचने पर स्कूल के प्राचार्य कर्नल अनिल देव सिंह जसरोटिया, उप प्राचार्य लेफ्टिनेंट कर्नल पारुल श्रीवास्तव एवं प्रशासनिक अधिकारी मेजर सी श्रीकुमार स्वागत करेंगें। स्कूल के कैडेट्स गार्ड ऑफ ऑनर देगें। मुख्य अतिथि स्कूल परिसर में बने
स्मृतिका पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। विजय दिवस का आयोजन उन वीर सैनिकों और भूतपूर्व सैनिकों के सम्मान में किया जा रहा है, जिन्होंने राष्ट्र की रक्षा हेतु अपने प्राणों की आहुति दी और देश की अखंडता एवं संप्रभुता की रक्षा की। यह दिन वर्ष 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में भारतीय सशस्त्र बलों की ऐतिहासिक विजय का प्रतीक है, जब भारतीय सेना के पराक्रम के आगे पाकिस्तान की सेनाओं ने ढाका में आत्मसमर्पण किया था। यह विजय भारतीय इतिहास का एक गौरवशाली अध्याय है, जिसे आने वाली पीढ़ियों तक प्रेरणा के रूप में संजोकर रखा जाना आवश्यक है।
स्कूल के जनसंपर्क अधिकारी बाबूलाल शिवरान ने बताया कि इस अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा भूतपूर्व सैनिकों एवं विद्यालय के कर्मचारियों को सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम का मुख्य केंद्र सैन्य गौरव, अनुशासन, कर्तव्यनिष्ठा एवं राष्ट्रप्रेम की भावना रहेगा, जिससे कैडेट्स में नेतृत्व क्षमता और देशसेवा की प्रेरणा और अधिक प्रबल हो सके। साथ ही विद्यालय में हाल ही में निर्मित पेरेंट्स हॉल, आधुनिक एयर राइफल शूटिंग रेंज एवं तीरंदाजी रेंज का उद्घाटन भी किया जाएगा, जो कैडेट्स के सर्वांगीण विकास और खेलकूद प्रशिक्षण को नई दिशा प्रदान करेगा। इसके अतिरिक्त मुख्य अतिथि द्वारा कैडेट्स हॉस्टल एवं गर्ल्स हॉस्टल का निरीक्षण करेंगें तथा कैडेट्स से संवाद कर उन्हें अनुशासन, समर्पण एवं राष्ट्रसेवा के मूल्यों के प्रति प्रेरित किया जाएगा। सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ का यह विजय दिवस समारोह न केवल वीर सैनिकों एवं भूतपूर्व सैनिकों के सम्मान का सशक्त मंच बनेगा, बल्कि विद्यार्थियों, अभिभावकों एवं समाज में देशभक्ति, आत्मविश्वास और राष्ट्रीय एकता की भावना को और अधिक सुदृढ़ करेगा।
कर्नल रणधीर सिंह
कर्नल रणधीर सिंह - आप 1967 में भारतीय सेना में भर्ती हुए और 2002 में सेवानिवृत हुए। आप 1971 की लड़ाई के दौरान जेस्सोर ईस्ट पाकिस्तान में तैनात थे। जेस्सोर बांग्लादेश के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है जो उस समय पूर्वी पाकिस्तान का हिस्सा था। 1971 में जेस्सोर की लड़ाई बांग्लादेश मुक्ति युद्ध का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थी, जिसमें इस प्रमुख पूर्वी पाकिस्तानी शहर विशेष रूप से जेस्सोर छावनी के आसपास पर नियंत्रण के लिए भयंकर लड़ाई हुई थी और अंततः भारतीय और मुक्ति वाहिनी सेनाओं ने 6 दिसंबर 1971 को इस पर कब्जा कर लिया था।
सुबेदार मेजर श्याम लाल गिल
आप बंगाल इंजीनियरिंग कोर के अंतर्गत सेवारत रहे। आप 1965 में भारतीय सेना में भर्ती हुए और 1993 में सेवानिवृत हुए। आप 1971 की लड़ाई के दौरान वेस्टर्न सेक्टर बाड़मेर में तैनात थे।
सार्जेंट राजेंद्र पुरी गोस्वामी
आप 7 एओपी यूनिट में कार्यरत रहे। आप 1969 में भारतीय सेना में भर्ती हुए और 1987 में सेवानिवृत हुए। आप 1971 की लड़ाई के दौरान मुक्तसर फाजिल्का बॉर्डरए फिरोजपुर में तैनात थे।
राइफलमैन सरदार खान पठान
आप राजपूताना राइफल आठवीं बटालियन में तैनात थे। आप 1971 की लड़ाई के दौरान सिशालदी चैकी पर तैनात थे। आप 11 माह तक पाकिस्तान की जेल में भी बंद रहे थे।
हवलदार नंदलाल व्यावट
आप ईएमई कोर में सेवारत रहे। आप 1965 में भारतीय सेना में भर्ती हुए और 1983 में सेवानिवृत हुए। आप 1971 की लड़ाई के दौरान फाजलका बॉर्डरए फरीदकोट में तैनात रहे।
सिपाही शंकर लाल शमदानी
आप आर्मी मेडिकल कोर में सेवारत रहे। आप 1971 में भारतीय सेना में भर्ती हुए और 1973 में सेवानिवृत हुए। आप 1971 की लड़ाई के दौरान पोखरण राजस्थान में तैनात रहे।
हवलदार किशन लाल धाकड़
आप एलडब्लूआर कोर में सेवारत रहे। आप 1963 में भारतीय सेना में भर्ती हुए और 1983 में सेवानिवृत हुए । आप 1971 की लड़ाई के दौरान सेकंड आर्ड ब्रिगेड कटवा में तैनात थे।
सिपाही कमर अली खान
आप सेना के ईएमई कोर में सेवारत रहे। आप 1965 में भारतीय सेना में भर्ती हुए और 1981 में सेवानिवृत हुए। आप 1971 की लड़ाई के दौरान राजौरी जम्मू में तैनात थे।