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सिरोही - राजस्थान शिक्षक संघ(प्रगतिशील) के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र गहलोत ने मुख्यमंत्री , शिक्षामंत्री एवं जिला कलेक्टर को ज्ञापन भेजकर कोविड -19 में नियुक्त बीएलओ शिक्षकों एवं सामान्य महिला शिक्षिकाओं को भी ग्रीष्मकालीन अवकाश दिये जाने की मांग की।गहलोत ने ज्ञापन में बताया कि कोविड -19 में निरन्तर ड्यूटी दे रहे शिक्षकों को राज्य सरकार 17 मई से ग्रीष्मकालीन अवकाश लाभ देकर राहत दे रही है लेकिन इन शिक्षकों में ऐसे शिक्षक भी है जो बीएलओ के रूप में प्रतिनियुक्त हैं तथा कोविड -19 के विभिन्न कार्यों में पिछले 50 दिन से निरन्तर अपनी ड्यूटी देते आ रहे है । इन बीएलओ शिक्षकों को सरकार ने ग्रीष्मकालीन अवकाश का लाभ नहीं देकर क्वोरेंटाईन सम्बंधित कार्य का आदेश जारी किया है जो बीएलओ शिक्षकों के साथ बहुत ही घोर अन्याय है । एक तरह से प्रशासन और सरकार इन बीएलओ को 500 रुपये प्रतिमाह का अल्प मानदेय देकर और सरकारी अवकाश छीनकर इन बीएलओ को कोल्हू के बैल की तरह काम में लेकर इनका मानसिक और आर्थिक शोषण कर रही है । साथ ही सामान्य महिला शिक्षिकाओं को भी ग्रीष्मकालीन अवकाश देने की मांग की हैं।गहलोतने कहा कि कुछ बीएलओ शिक्षक अन्य जिलों के निवासी है तथा वो इन ग्रीष्मकालीन अवकाश में अपने परिवार से मिलने के लिए अपने गृहजिले में जाना चाहते हैं इसलिए बीएलओ शिक्षकों को भी अवकाश मिलना चाहिए । बीएलओ की प्रतिनियुक्ति केवल मतदाता सूची के निर्माण और चुनाव कार्य के लिए की जाती है , अन्य कार्य में लगाना अनुचित हैं ।गहलोत ने कोविड -19 में निरन्तर कार्य कर रहे बीएलओ शिक्षकों एवं सामान्य महिला शिक्षिकाओं को भी अन्य शिक्षकों की तरह ग्रीष्मकालीन अवकाश का लाभ देने की पुरजोर मांग की है ।गहलोत ने मुख्यमंत्री एवं शिक्षामंत्री का आभार जताते हुए कहा कि राज्य सरकार ने कोविड - 19 म़े दिव्यांग , असाध्य रोग से ग्रसित कार्मिक , विधवा / परित्यक्ता / एकल महिला , 2 वर्ष से कम आयु की संतान वाली महिला कार्मिक , 2 वर्ष से कम सेवानिवृत्ति अवधि वाले कार्मिकों को शिथिलन प्रदान किया गया है । जिले में राज्य सरकार द्वारा शिथिलन प्राप्त कार्मिकों को ग्रीष्मकालीन अवकाश देने की समीक्षा संगठन स्तर पर की जाएंगी । इसमें कहीँ भी आदेश की पालना नहीं होने पर राज्य सरकार को अवगत कराया जाएगा ।