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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। जिले के भदेसर थाना क्षेत्र में तीन साल पूर्व नाबालिग के साथ दुष्कर्म के प्रयास और इसका वीडियो बना कर धमकाने के मामले में पोक्सो कोर्ट -02 के न्यायाधीश पांच अभियुक्त को सजा सुनाई है। आईटी एक्ट और पोक्सो में आरोप प्रमाणित नहीं हो पाए। मामले में जांच अधिकारी वो वीडियो रिकवर नहीं कर पाए, जिसको दिखा कर पीड़िता को धमकी दे रहे थे। इस पर पोक्सो कोर्ट ने फैसले में टिप्पणी की है। डीआईजी उदयपुर और एसपी चित्तौड़ को फैसले की कॉपी भेजने का आदेश देकर जांच अधिकारियों की आईटी एक्सपर्ट से प्रशिक्षण करवाने को कहा है।
विशिष्ठ लोक अभियोजक सुरेशचंद्र शर्मा ने बताया कि 8 मई 2019 को एक दम्पति ने भदेसर थाने में एक रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। रिपोर्ट में बताया था कि करीब 20 दिन पहले उनकी 16 साल की बेटी अपनी सहेली के घर जा रही थी। रास्ते में मांगीलाल मिला जिसने प्रार्थिया की पुत्री से कहा कि उसको रतन लाल जाट घर पर बुला रहा है। इस पर नाबालिग रतन लाल के घर चली गई। वहां पानी लाने के बहाने रतनलाल कमरे से बाहर निकला और दरवाजा बाहर से बंद कर दिया। कमरे के अंदर पहले से ही देवीलाल माली मौजूद था। उसने प्रार्थी की पुत्री से दुष्कर्म का प्रयास किया। उसके साथ छेड़छाड़ की। एक घंटे बाद रतनलाल ने दरवाजा खोला और धमकाया कि किसी को जानकारी नहीं देना। अंदर नाबालिक का वीडियो भी बनाया और उसे वायरल करने की धमकी दी गई। इस रिपोर्ट पर भदेसर थाना पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मामले में जांच शुरू की।
आरोपियों को हुई सजा
विशिष्ठ लोक अभियोजक शर्मा ने बताया कि आईपीसी की धारा 146, 342, 354 के अलावा पोक्सो में 7/8 और आईटी एक्ट 67 में मामला दर्ज हुआ। पुलिस ने कन्नौज निवासी मांगीलाल पुत्र भगवानलाल माली, रतनलाल पुत्र रूपालाल जाट, देवीलाल पुत्र कैलाश माली, हरीश पुत्र छोगालाल सुथार, मुकेश पुत्र मोतीलाल प्रजापत को गिरफ्तार किया गया। जांच के बाद कोर्ट में चालान पेश किया। न्यायालय में अभियोजन पक्ष की सुनवाई के दौरान बयान दर्ज किए गए और दस्तावेज पेश किए। मामले में पोक्सो कोर्ट -02 के न्यायाधीश अमित कुमार सहलोत ने पांचों अभियुक्त को दोषी माना।मामले में अभियुक्त देवीलाल को धारा 354 में दोषी मानते हुवे तीन वर्ष का कारावास व पांच हजार का अर्थदंड तथा धारा 342 में एक वर्ष का कारावास और एक हजार जुर्माना सुनाया। वहीं अभियुक्त मांगीलाल, रतनलाल, मुकेश, हरीश को धारा 354 सपठित धारा 120बी भादस में तीन वर्ष का कारावास और 5 हजार अर्थदंड से दंडित किया।
कोर्ट शुरू होने के बाद पहले मामले में सुनाई सजा
पोक्सो कोर्ट-02 जुलाई महीने से ही शुरू हुआ है। इस कोर्ट में पहली सजा सुनाई गई है। इस मामले में नाबालिग के वीडियो बना कर उसे वायरल करने की धमकी दी गई थी। इस मामले में जांच कर रहे अनुसंधान अधिकारी वीडियो को रिकवर नहीं कर पाए। इस कारण से आरोपियों पर आईटी एक्ट खारिज कर दिया गया।
कोर्ट की टिप्पणी, जांच अधिकारियों को दें प्रशिक्षण
इस फैसले में पोक्सो कोर्ट ने टिप्पणी भी की है। कोर्ट ने पुलिस को आईटी एक्ट में प्रशिक्षित अधिकारी से अपने जांच अधिकारियों को सेमिनार करवा कर प्रशिक्षण देने को कहा है।
विशिष्ठ लोक अभियोजक सुरेशचंद्र शर्मा ने बताया कि 8 मई 2019 को एक दम्पति ने भदेसर थाने में एक रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। रिपोर्ट में बताया था कि करीब 20 दिन पहले उनकी 16 साल की बेटी अपनी सहेली के घर जा रही थी। रास्ते में मांगीलाल मिला जिसने प्रार्थिया की पुत्री से कहा कि उसको रतन लाल जाट घर पर बुला रहा है। इस पर नाबालिग रतन लाल के घर चली गई। वहां पानी लाने के बहाने रतनलाल कमरे से बाहर निकला और दरवाजा बाहर से बंद कर दिया। कमरे के अंदर पहले से ही देवीलाल माली मौजूद था। उसने प्रार्थी की पुत्री से दुष्कर्म का प्रयास किया। उसके साथ छेड़छाड़ की। एक घंटे बाद रतनलाल ने दरवाजा खोला और धमकाया कि किसी को जानकारी नहीं देना। अंदर नाबालिक का वीडियो भी बनाया और उसे वायरल करने की धमकी दी गई। इस रिपोर्ट पर भदेसर थाना पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मामले में जांच शुरू की।
आरोपियों को हुई सजा
विशिष्ठ लोक अभियोजक शर्मा ने बताया कि आईपीसी की धारा 146, 342, 354 के अलावा पोक्सो में 7/8 और आईटी एक्ट 67 में मामला दर्ज हुआ। पुलिस ने कन्नौज निवासी मांगीलाल पुत्र भगवानलाल माली, रतनलाल पुत्र रूपालाल जाट, देवीलाल पुत्र कैलाश माली, हरीश पुत्र छोगालाल सुथार, मुकेश पुत्र मोतीलाल प्रजापत को गिरफ्तार किया गया। जांच के बाद कोर्ट में चालान पेश किया। न्यायालय में अभियोजन पक्ष की सुनवाई के दौरान बयान दर्ज किए गए और दस्तावेज पेश किए। मामले में पोक्सो कोर्ट -02 के न्यायाधीश अमित कुमार सहलोत ने पांचों अभियुक्त को दोषी माना।मामले में अभियुक्त देवीलाल को धारा 354 में दोषी मानते हुवे तीन वर्ष का कारावास व पांच हजार का अर्थदंड तथा धारा 342 में एक वर्ष का कारावास और एक हजार जुर्माना सुनाया। वहीं अभियुक्त मांगीलाल, रतनलाल, मुकेश, हरीश को धारा 354 सपठित धारा 120बी भादस में तीन वर्ष का कारावास और 5 हजार अर्थदंड से दंडित किया।
कोर्ट शुरू होने के बाद पहले मामले में सुनाई सजा
पोक्सो कोर्ट-02 जुलाई महीने से ही शुरू हुआ है। इस कोर्ट में पहली सजा सुनाई गई है। इस मामले में नाबालिग के वीडियो बना कर उसे वायरल करने की धमकी दी गई थी। इस मामले में जांच कर रहे अनुसंधान अधिकारी वीडियो को रिकवर नहीं कर पाए। इस कारण से आरोपियों पर आईटी एक्ट खारिज कर दिया गया।
कोर्ट की टिप्पणी, जांच अधिकारियों को दें प्रशिक्षण
इस फैसले में पोक्सो कोर्ट ने टिप्पणी भी की है। कोर्ट ने पुलिस को आईटी एक्ट में प्रशिक्षित अधिकारी से अपने जांच अधिकारियों को सेमिनार करवा कर प्रशिक्षण देने को कहा है।