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तीन दिवसीय नानी बाई मायरा कथा का हुआ समापन
सीधा सवाल। कनेरा। स्थानीय उपतहसील के प्रताप चौक में सांस्कृतिक शैली में बामतिया परिवार के सहयोग द्वारा राधाकृष्ण मंदिर का निर्माण किया गया। मंदिर समिति के वरिष्ठ सदस्य एवं कारसेवक मदनलाल बामतिया व भेरू लाल बामतिया ने बताया कि मंदिर स्थल पर तीन दिवसीय नानी बाई का मायरा कथा का आयोजन व समापन हुआ, साथ ही आज सोमवार दोपहर शुभ मुहूर्त 12:15 बजे मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा एवं उसके पश्चात मंदिर पर कलश व ध्वज चढ़ाया गया , मंदिर समिति के अध्यक्ष लाभचंद बामतिया ने बताया कि बामतिया परिवार द्वारा नवनिर्मित मंदिर में राधाकृष्ण मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर नानी बाई के मायरे का वाचन प्रसिद्ध कथा वाचक पप्पू वैष्णव द्वारा किया गया। तीन दिवसीय मायरे के अंतिम दिन कथा वाचक पप्पू वैष्णव ने अपने प्रवचन में बताया कि 84 करोड़ योनियों के बाद मनुष्य जन्म मिलता है जिसे केवल सांसारिक भोग में लिप्त रहकर अपना जीवन ना बिता कर प्रभु भक्ति और परोपकार में अपने जीवन के अधिकतम समय को लगाना ही वास्तव में मनुष्य जन्म की श्रेष्ठता है ।नरसिंह जी द्वारा नानी बाई के मायरा भरने का सुंदर वृतांत सुनकर उपस्थित हजारों महिला पुरुष श्रद्धालुओं की आंखों से अश्रु प्रवाहित होने लगे । लगातार आयोजित तीन दिन कथा समारोह के दौरान बामतिया परिवार की ओर से संपूर्ण कनेरा सहित बाहरी श्रद्धालुओं हेतु महाप्रसाद के रूप में भोजन परोसा गया। बाबुलाल बामतिया ने बताया कि तीन दिनों तक पंच कुंडीय यज्ञ का आयोजन किया गया, जिसका समापन भी प्राण प्रतिष्ठा के साथ संपन्न हुआ।ज्ञान ज्योति विद्यालय संस्था प्रधान रामप्रसाद धाकड ने बताया कि राधाकृष्ण मंदिर पर ध्वजा दंड पर उच्चतम बोली पच्चीस हजार रुपए गणेश पिता भगवान लाल बामतिया द्वारा तथा मंदिर पर कलश स्थापना हेतु उच्चतम बोली एक लाख इकसठ हजार रुपए एवं भगवान श्री राधाकृष्ण मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा हेतु उच्चतम बोली एक लाख इकोत्तर हजार रुपए दोनो उच्चतम बोलियां मंदिर समिति सदस्य एवं कारसेवक मदन लाल पिता स्वर्गीय कूका बामतिया द्वारा लगाकर पुनीत कार्य में सहयोग किया।