views
सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। राजस्थान में इन दिनों कक्षा 9 और 10 की अर्धवार्षिक परीक्षाएं चल रही हैं, लेकिन शिक्षा विभाग की एक बड़ी लापरवाही ने विद्यार्थियों और शिक्षकों को असमंजस में डाल दिया। सोमवार को स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा विषय की परीक्षा में अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थियों को हिंदी में छपा प्रश्न पत्र थमा दिया गया। यह घटना सरकारी और निजी विद्यालयों दोनों में देखी गई, जिससे अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थियों की तैयारियां प्रभावित हुईं। सुबह 9:30 बजे और दोपहर 1:30 बजे की परीक्षाओं में जब प्रश्न पत्र वितरित किए गए, तो अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थियों को हिंदी में प्रश्न पत्र मिला। अपनी तैयारी अंग्रेजी में करने वाले विद्यार्थियों के लिए यह बेहद कठिन स्थिति बन गई। शिक्षक और विद्यार्थी दोनों ही इस लापरवाही पर हतप्रभ रह गए।
कई विद्यालयों में शिक्षकों ने इस समस्या को हल करने के लिए अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन तात्कालिक समाधान नहीं हो सका। इसके बावजूद, शिक्षकों ने विद्यार्थियों को जैसे-तैसे प्रश्न पत्र हल करवाने की कोशिश की। शिक्षा विभाग की इस लापरवाही से विद्यार्थियों के भविष्य पर प्रश्नचिह्न खड़ा हो गया है। विभाग द्वारा आमतौर पर प्रश्न पत्र हिंदी और अंग्रेजी, दोनों भाषाओं में छपवाए जाते हैं। लेकिन इस बार केवल हिंदी में छपा प्रश्न पत्र देकर अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थियों के साथ अन्याय किया गया। विद्यार्थियों और अभिभावकों ने इस घटना पर रोष व्यक्त करते हुए शिक्षा विभाग से जवाबदेही की मांग की है। भविष्य में ऐसी गलतियों से बचने के लिए विभाग को सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई और मानसिक स्वास्थ्य पर इसका नकारात्मक प्रभाव न पड़े।