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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने कहा है कि आज विश्व जलवायु परिवर्तन की समस्याओं से जूझ रहा है। लेकिन केन्द्र और राज्य सरकार ने इसके लिए बीड़ा उठाया और प्रदेश में पिछले वर्ष 7 करोड़ और इस वर्ष 10 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य रखा है। इसमें से 7 कराेड़ 91 लाख पौधा का लक्ष्य पूरा हो चुका है। प्रदेश सरकार के मंत्री संजय शर्मा सोमवार को चित्तौड़गढ़ आगमन के दौरान सर्किट हाऊस में मीडियाकर्मियों से बात कर रहे थे।
इस दौरान उन्होंने कहा कि पहली बार प्रदेश में कागजी पौधारोपरण से बचने के लिए त्रि स्तरीय मूल्यांकन पद्धति अपनाई गई है। तीन तरह की जांच एजेन्सियां किसी भी क्षेत्र में जाकर पौधों का भौतिक सत्यापन कर के उनके जीवित रहने की दर की जांच कर रही है। उनसे मारवाड़ में खेजड़ी के कटान और सोलर प्लांट लगाए जाने से हो रहे पर्यावरण के नुकसान के सवाल पर उन्होंने कहा कि मारवाड़ क्षेत्र में जिस भी भूमि पर सोलर प्लांट लगाए जा रहे है वो किसानों से लीज पर ली जा रही है। प्रयास किया जा रहा है कि कम से कम पौधों का नुकसान हो। जिले और अन्य क्षेत्रों में लगाई गई लवकुश वाटिकाओं और पर्यटकों के लिए बनाए रिसोर्ट पर उन्होंने कहा कि लवकुश वाटिकाओं का ठीक से संचालन हो और इन जमीनों को कब्जे होने से बचाया जा सके। इसके लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। वन क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन पर उन्होंने कहा कि वन क्षेत्र में अवैध खनन एक मिथक मात्र है। जबकि जो भी खनन हो रहे है वो राजस्व भूमियों पर है।उन्होंने दुर्ग की तलहटी के वन क्षेत्र में हो रहे कब्जों पर भी शीघ्र कार्यवाही का आश्वासन दिया।
सर्किट हाउस में की चर्चा
इधर, वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने सर्किट हाउस में जनप्रतिनिधियों व भाजपा नेताओं से चर्चा की। सर्किट हाउस पहुंचने पर वन मंत्री संजय शर्मा को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। यहां विधायक चंद्रभानसिंह आक्या, सुरेश धाकड़, तिरंगा यात्रा बांसवाड़ा प्रभारी श्रावणसिंह राव के अलावा वन एवं पर्यावरण विभाग के आला अधिकारी मौजूद रहे