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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। ब्लॉक चित्तौड़गढ़ में आयोजित प्रधानाध्यापक वॉकपीठ द्वितीय दिवस का माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन से शुभारंभ हुआ। इस दौरान शिक्षा क्षेत्र के अधिकारी, शिक्षक एवं विद्यालय परिवार के सदस्य शामिल हुए।
समापन समारोह में मुख्य अतिथि पूर्व राज्य मंत्री सुरेंद्र सिंह जाड़ावत थे। अध्यक्षता सीबीईओ शंभूलाल सोमानी ने की। विशिष्ट अतिथि पूर्व जिला परिषद सदस्य मोहनसिंह भाटी, नपा अध्यक्ष रमेश नाथ योगी थे।
अतिथियों ने वॉकपीठ आयोजन की सराहना करते हुए शिक्षा क्षेत्र में नवाचार, गुणवत्ता सुधार तथा सामूहिक सहभागिता की आवश्यकता पर जोर दिया। सीबीईओ शंभूलाल सोमानी ने बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षक-प्रधानाध्यापक समुदाय को निरंतर प्रयासरत रहने के लिए प्रेरित किया। मुख्य अतिथि पूर्व राज्यमंत्री जाड़ावत ने शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता सुधार और नवाचार की आवश्यकता पर अपनी सोच व्यक्त की और शिक्षा के क्षेत्र में प्रशासन, शिक्षक और समाज की साझेदारी के महत्व को रेखांकित किया। समापन समारोह शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और गुणवत्ता सुधार के प्रति दृढ़ संकल्प का प्रतीक बनकर उभरा।
इससे पूर्व प्रथम सत्र में सीडीईओ महावीर कुमार शर्मा मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। विशिष्ठ अतिथि के रूप में सीबीईओ शंभूलाल सोमानी, वॉकपीठ अध्यक्ष महेशचंद्र नुवाल, सचिव कालूराम खटीक, ब्लॉक कोषाध्यक्ष गिरिराज सोमानी, राजूलाल तेली मंचासीन रहे। संचालन गणेश उनियारा ने किया।
सीडीईओ महावीर कुमार शर्मा ने शिक्षा में नवाचार, व्यवस्था सुदृढ़ीकरण, नामांकन वृद्धि और विद्यालयी गतिविधियों की सफलता पर बल दिया। उन्होंने शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों से विद्यालयों में निष्ठा एवं अनुशासन के साथ नवाचार लाकर बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु समर्पित रहने की अपील की।
सीबीईओ शंभूलाल सोमानी ने कहा कि विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को समृद्ध करने के लिए शिक्षकों को जागरूक, सहयोगी तथा प्रेरित रहना होगा। उन्होंने नामांकन बढ़ाने, सामाजिक बाधाओं को दूर करने, योगाभ्यास नियमित करवाने और कक्षा 5वीं व 8वीं तक के बच्चों के शैक्षिक विकास पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया।
शिक्षा के डिजिटल सत्र में दिलीप त्रिवेदी, दीप्ति चारण ने आधार नंबर ऑथेन्टिकेशन एवं अपार आईडी जेनरेशन की प्रक्रियाओं पर प्रकाश डाला। अन्य शिक्षकों ने शैक्षिक सुधारों पर अपने विचार प्रस्तुत किए। यह आयोजन नवाचार, सहभागिता एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।