views
सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के अवसर पर विद्या भारती संगठन की योजना से देश भर में आयोजित होने वाले सप्तशक्ति संगम कार्यक्रम के अन्तर्गत मातृ सम्मेलन विद्या निकेतन बाउमावि गोनवलकर नगर मे सम्पन्न हुआ।
जारी विज्ञप्ति में प्रधानाचार्या ललिता कुंवर राठौड़ ने बताया कि मुख्य अतिथि डॉ. सुशीला लड्डा ने अपनी काव्यात्मक उदबोधन में नारी को कुटुम्ब की धूरी बताते हुए उसके जागरण की महती आवश्यकता को रेखांकित किया और नारीत्व के गुणों को आत्मसात कर उन्हें समाज व राष्ट जागरण की वाहिका बनने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम की विशिष्ठ अतिथि लीला आगाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि नारी में सप्त शक्ति संगम के जागरण से परिवार संस्कारों की पाठशाला बनते हैं। उन्होंने लव जिहाद के प्रति बहिनों को सावचेत किया और राम जैसे चरित्र का निर्माण करने के लिए स्वयं को बदलने का आव्हान किया। सरस्वती शर्मा ने अध्यक्षीय उद्बोधन दिया।
प्रारंभ में कार्यक्रम संयोजिका ललिता कुंवर राठौड ने कार्यक्रम की प्रस्तावना रखी तदुपरांत प्रश्नोत्तरी हुई जिसमें विजेताओ को सम्मानित किया गया। बहिनों ने दिव्य देवियों के वेश में प्रस्तुत होकर उनके विचार को पुनःस्मरण करवाकर उपस्थित मातृशक्ति की हृदय वीणा के तारों को झंकृत किया। जीवन के विविध क्षेत्रों में विशेष उपलब्धियो के लिए संतोष मलहोत्रा, ऋतु भोजवानी, योगिता कँवर गहलोत, दीपिका कंवर झाला को अतिथियों ने उपरना, शॉल, प्रतिक चिह्न व नारियल भेंट कर सम्मानित किया। जिला संयोजिका मधु मट्ठा के मार्गदर्शन में कार्यक्रम सम्पन्न हुआ ।