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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद के तहत काम करने वाली कार्मिकों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मंगलवार 7 अक्टूबर को जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
जिलाध्यक्ष कैलाश कंवर ने बताया कि राजीविका कार्मिक पिछले कई समय से सरकारी की नई पॉलिसियों को लेकर आक्रोशित है तथा काम पर नहीं जा रही है। सरकार से अपनी समस्याओं के निराकरण की मांग की जा रही है। सौंपे ज्ञापन में सीआरपी सदस्यों के राउण्ड पर तीन सदस्यों की टीम के बजाय चार सदस्यों की टीम गठित करने, पुरानी वाली पॉलिसी पुनः लागू कर चार सदस्यों की टीम बनाने, नई पॉलिसी के 15 दिन का काम 10 दिवस में करने की पाबंदी को हटाने, राउण्ड के दौरान ठहरने की व्यवस्था सरकारी भवन, आंगनवाड़ी केन्द्र, राजकीय विद्यालय, अटल सेवा केन्द्र या पंचायत भवन में किये जाने व टीम को ब्लॉक से बर्तन व गैस चुल्हा, सिलेण्डर उपलब्ध कराये जाने, दो दिन का प्रशिक्षण देकर ही राउण्ड पर भेजने, आरसीआरपी का वेतनमान 21 हजार से बढ़ाकर 26 हजार रुपये प्रतिमाह करने, राजीविका कर्मचारियों को स्थायी करने एवं राजीविका राउण्ड पर बाहर जाने के दौरान सुरक्षा की जवाबदारी तय करने की मांग की गई।
श्रमिक संगठन के प्रतिनिधि रतनलाल शर्मा, हनीफ मोहम्मद मंसूरी ने बताया कि पिछले डेढ़ वर्ष से राजीविका संघर्षरत है। सरकार ने कुछ मांगे स्वीकार की लेकिन शेष मांगों को लेकर राजीविकाएँ अपना विरोध दर्ज करा रही है जिनका सरकार द्वारा शीघ्र निस्तारण करना आवश्यक है। इस दौरान यूनियन की प्रदेश महामंत्री सरोज कंवर, पूनम भरतपुर, सीमा भांड, मंजु सालवी, राधा, हुलासी बाई सहित कई महिला कार्मिक उपस्थित रही।