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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास कार्यालय (एमएसएमई-डीएफओ), जयपुर—सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में “मार्बल-ग्रेनाइट-एग्रो सेक्टर में निर्यात (Export) एवं प्रौद्योगिकी (Technology) के अवसर” विषय पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला (National Workshop) का आयोजन होटल अनंत रिसॉर्ट, चित्तौड़गढ़ में किया गया।
यह कार्यशाला CSIR-AMPRI, भोपाल, CSIR-CBRI, रुड़की, ICAR-IIMR, लुधियाना, जिला उद्योग एवं वाणिज्य केंद्र, चित्तौड़गढ़, SIDBI, मार्बल लघु उद्योग संस्थान, चित्तौड़गढ़, मार्बल विकास समिति, चित्तौड़गढ़, इंडस्ट्रियल समूह संस्थान, आजोलिया का खेड़ा, लघु उद्योग भारती (चित्तौड़गढ़, निंबाहेड़ा, मांगरोल एवं महिला विंग) तथा मेवाड़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री सहित विभिन्न औद्योगिक संगठनों के सहयोग से आयोजित की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ एमएसएमई-डीएफओ जयपुर के सहायक निदेशक बलराम मीणा द्वारा अतिथियों एवं उद्यमियों के स्वागत के साथ हुआ।
मुख्य अतिथि जिला कलक्टर आलोक रंजन ने अपने उद्बोधन में कहा कि मार्बल एवं ग्रेनाइट उद्योगों से उत्पन्न स्लरी (अपशिष्ट) का उपयोग विभिन्न उपयोगी उत्पादों के निर्माण में किया जाना चाहिए ताकि पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ उद्योगों को नए व्यावसायिक अवसर प्राप्त हों। उन्होंने उद्यमियों से आग्रह किया कि वे टेक्नोलॉजी एवं निर्यात से संबंधित सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर अपने उद्योगों को वैश्विक स्तर पर स्थापित करें।
CSIR-AMPRI, भोपाल के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. पी. अशोकन ने स्लरी से उपयोगी उत्पाद बनाने की नवीनतम तकनीकों की जानकारी दी, वहीं CSIR-CBRI, रुड़की के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. राजेश कुमार शर्मा ने स्लरी से टाइलिंग टेक्नोलॉजी की विस्तृत जानकारी साझा की। कार्यक्रम में ICAR-IIMR, लुधियाना के शंकर लाल ने एग्रो प्रोडक्ट्स एवं मक्का आधारित उत्पादों की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। एक्सपोर्ट विशेषज्ञ रईस अहमद ने निर्यात प्रक्रिया एवं वैश्विक बाजार में प्रवेश के व्यावहारिक पहलुओं की जानकारी दी।
सिडबी के सहायक महाप्रबंधक सुदर्शन गोराना ने एमएसएमई इकाइयों हेतु सिडबी की विभिन्न वित्तीय योजनाओं के बारे में बताया। वहीं जिला उद्योग एवं वाणिज्य केंद्र, चित्तौड़गढ़ के महाप्रबंधक राहुल देव ने राज्य सरकार की एमएसएमई प्रोत्साहन योजनाओं की जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन एमएसएमई-डीएफओ जयपुर के सहायक निदेशक सुरेन्द्र कुमार ने किया।
इस अवसर पर जिले के मार्बल, ग्रेनाइट एवं एग्रो सेक्टर से जुड़े अनेक उद्यमी एवं औद्योगिक संगठन के पदाधिकारी — गोपाल ओझा, नलिन पुगलिया, नाथूलाल मालू, विपिन नाहर, राकेश चौपड़ा, गोविंद गदिया, मनोहर तोषनीवाल, अर्जुन मूंदड़ा, अंजलि शर्मा, ललित प्रकाश शारदा आदि उपस्थित रहे। कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों ने प्रदर्शित तकनीकों एवं प्रस्तुतियों में गहरी रुचि दिखाई और यह संकल्प लिया कि सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण के साथ चित्तौड़गढ़ जिले के औद्योगिक क्षेत्र को नई दिशा दी जाएगी। पर प्रकाश डाला। एक्सपोर्ट विशेषज्ञ रईस अहमद ने निर्यात प्रक्रिया एवं वैश्विक बाजार में प्रवेश के व्यावहारिक पहलुओं की जानकारी दी।
सिडबी के सहायक महाप्रबंधक सुदर्शन गोराना ने एमएसएमई इकाइयों हेतु सिडबी की विभिन्न वित्तीय योजनाओं के बारे में बताया। वहीं जिला उद्योग एवं वाणिज्य केंद्र, चित्तौड़गढ़ के महाप्रबंधक राहुल देव ने राज्य सरकार की एमएसएमई प्रोत्साहन योजनाओं, एक ज़िला एक उत्पाद योजना की जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन एमएसएमई-डीएफओ जयपुर के सहायक निदेशक सुरेन्द्र कुमार ने किया।
इस अवसर पर जिले के मार्बल, ग्रेनाइट एवं एग्रो सेक्टर से जुड़े अनेक उद्यमी एवं औद्योगिक संगठन के पदाधिकारी — गोपाल ओझा, नलिन पुगलिया, नाथूलाल मालू, विपिन नाहर, राकेश चौपड़ा, गोविंद गदिया, मनोहर तोषनीवाल, अर्जुन मूंदड़ा, अंजलि शर्मा, ललित प्रकाश शारदा आदि उपस्थित रहे। कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों ने प्रदर्शित तकनीकों एवं प्रस्तुतियों में गहरी रुचि दिखाई और यह संकल्प लिया कि सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण के साथ चित्तौड़गढ़ जिले के औद्योगिक क्षेत्र को नई दिशा दी जाएगी।