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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। राजकीय कन्या महाविद्यालय चित्तौड़गढ़ के संस्कृत विभाग और भारतीय ज्ञान परम्परा केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एकदिवसीय व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। व्याख्यानमाला का शुभारम्भ कार्यक्रम अध्यक्ष प्राचार्य डॉ गौतम कुमार कूकड़ा और संस्कृत भारती राजस्थान क्षेत्र संगठन मंत्री कमल के करकमलों द्वारा सरस्वती पूजन के साथ किया गया। कमल ने बताया कि भारतीय ज्ञान परम्परा का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के द्वारा स्पष्ट किया गया है कि सभी विषयों में अध्येता अपने प्राचीन ज्ञान से अवगत हो सकें। भिक्षुक और संन्यासी के वृत्तान्त के द्वारा आपने छात्राओं को कल्पना के क्षेत्र को बढ़ाने का दिशानिर्देश किया। कमल द्वारा भारतीय ज्ञान परम्परा में प्राचीन भाषाओं के महत्व को बताते हुए संस्कृत भारती के प्रकल्पों के बारे में भी बताया। प्राचार्य डॉ गौतम कुमार कूकड़ा ने महाविद्यालय में चल रहे सभी केन्द्रों और संस्कृत विभाग की उपलब्धियों के बारे में बताया। कार्यक्रम संचालन डॉ श्याम सुन्दर पारीक ने किया। पारीक ने बताया कि भारतीय ज्ञान परम्परा के द्वारा भारतीयों को स्व के प्रति गौरव का अनुभव होगा। कार्यक्रम में डॉ सीएल महावर, डॉ लोकेश जसोरिया, रेखा मेहता, डॉ ज्योति कुमारी, डॉ अंजु चौहान, जयश्री कुदाल, रिंकी गुप्ता, शंकर बाई मीणा, डॉ जसप्रीत कौर, डॉ प्रीतेश राणा, डॉ गोपाल लाल जाट, दिव्या चारण आदि संकाय सदस्य और छात्राएं उपस्थित रहीं।