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कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे को आरएसएस का फोबिया, सुबह से शाम एक ही काम आरएसएस को कोसना
सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं चित्तौडगढ़ सांसद सीपी जोशी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगाने की मांग को घोर आपत्तिजनक, दुर्भाग्यपूर्ण और देश की राष्ट्रवादी भावना के विरुद्ध बताया है।
सांसद सीपी जोशी ने बिहार में चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने आज़ादी के बाद से लेकर अब तक राष्ट्र निर्माण, सामाजिक समरसता, शिक्षा, सेवा और संस्कार के क्षेत्र में अद्भुत कार्य किया है। देश में संकट के समय बाढ़, भूकंप, महामारी या कोई आपदा हो, आरएसएस के स्वयंसेवक सबसे पहले सेवा के लिए आगे आते हैं। ऐसे संगठन को प्रतिबंधित करने की बात करना देश की जन भावनाओं का अपमान है।” कांग्रेस अध्यक्ष का यह बयान दर्शाता है कि कांग्रेस आज भी उसी मानसिकता से ग्रसित है, जिसने देश को विभाजित किया और समाज में वैमनस्य फैलाया।
सांसद सीपी जोशी ने कहा कि “खड़गे को इतिहास की जानकारी ताज़ा करनी चाहिए। 1949 में कांग्रेस सरकार ने ही संघ पर लगा प्रतिबंध हटा दिया था। इतना ही नहीं, 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भी RSS की देशभक्ति और योगदान की सराहना की थी। संघ के स्वयंसेवकों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में रसद और अन्य सहायता पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसी कारण 1963 की गणतंत्र दिवस परेड में नेहरू ने स्वयं RSS को आमंत्रित किया था, यह संघ की राष्ट्र सेवा की मान्यता थी।”उसी संघ के मूल्यों और अनुशासन से प्रेरित होकर आज भारत विश्वगुरु बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।” उन्होंने कहा कि आरएसएस और भाजपा की विचारधारा एक भारत-श्रेष्ठ भारत की है, जिसमें सभी धर्म, जाति और समाज के लोग समान रूप से सम्मानित हैं। कांग्रेस को यह समझना चाहिए कि देश के लोकतांत्रिक ढांचे में संगठन पर प्रतिबंध की बात करना असहिष्णुता की पराकाष्ठा है।
सांसद सीपी जोशी ने कहा कि अराजकता और अस्थिरता कांग्रेस की असली पहचान बन चुकी है। कानून व्यवस्था को लेकर कांग्रेस को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। वर्तमान में जहां भी कांग्रेस की सरकारें है, खड़गे जी वहां की कानून व्यवस्था पर ध्यान दें। पूर्व गहलोत सरकार के शासनकाल में राजस्थान बलात्कार, लूट, और हत्या की घटनाओं में देश में टॉप पर पहुंच गया था, विधानसभा चुनाव के समय खड़गे ने राजस्थान में आकर आरएसएस को खूब कोसा था जिसका परिणाम यह हुआ कि जनता ने कांग्रेस शासन को उखाड़ फैंका।
सांसद जोशी ने कहा सरदार पटेल ने स्वतंत्रता के बाद भारतीय रियासतों का विलय किया। किंतु कश्मीर रियासत की जिम्मेदारी तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू ने अपने पास रखी थी, वहां नेहरू ने धारा 370 लगाकर कश्मीर को भारत से अलग-थलग करने का प्रयास किया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर भारत का पूर्ण और अभिन्न अंग बना, जिससे वास्तव में सरदार पटेल का सपना साकार हुआ।”कांग्रेस नेताओं के बयानों से केवल समाज में भ्रम और वैमनस्य फैलाने का कार्य हो रहा है।”आरएसएस पर प्रतिबंध की बात करना सिर्फ तुष्टिकरण की राजनीति है।