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सीधा सवाल। बिनोता। कस्बे में यूरिया खाद की भारी किल्लत से किसानों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। ग्राम सहकारी सेवा समिति में पिछले डेढ़ माह से यूरिया खाद का स्टॉक समाप्त है, जिससे काश्तकारों को खेतों में फसलों के लिए खाद उपलब्ध कराने में परेशानी हो रही है।
शुक्रवार को जब कस्बे में स्थित कुमावत कृषि सेवा केंद्र पर यूरिया से भरी गाड़ी आने की सूचना मिली तो शनिवार सुबह से ही महिला–पुरुष किसानों की लंबी लाइनें दुकान के बाहर लग गईं। संचालक दशरथ कुमावत ने बताया कि केंद्र पर 670 यूरिया खाद के बैग पहुंचे थे, जिन्हें किसानों को एक आधार कार्ड पर दो बैग की दर से वितरित किया गया।
कृषि पर्यवेक्षक कमलेश नागर ने बताया कि व्यवस्था बनाए रखने के लिए महिलाओं और पुरुषों की अलग–अलग लाइनें लगाई गईं, ताकि वितरण कार्य सुचारु रूप से पूरा हो सके।
वहीं ग्राम सहकारी सेवा समिति के व्यवस्थापक कमलेश गायरी ने बताया कि समिति ने 18 जुलाई को कृषि विभाग को 100 एमटी यूरिया और 50 एमटी डीएपी की डिमांड भेजी थी। इसमें डीएपी खाद की सप्लाई तो मिल गई, लेकिन यूरिया की गाड़ी 26 अगस्त को आई थी, उसके बाद अब तक एक भी ट्रक नहीं पहुंचा है।
इफको जिला चित्तौड़ क्षेत्रीय प्रबंधक मुकेश आमेटा ने बताया कि जल्द ही यूरिया की नई रैक आने वाली है, जिसे बिनोता समिति में भेजा जाएगा।
इधर, क्षेत्र के किसानों में आक्रोश है कि आसपास की समितियों में खाद की गाड़ियां लगातार पहुंच रही हैं, जबकि बिनोता समिति को अनदेखा किया जा रहा है। किसानों ने जिला कलेक्टर आलोक रंजन से मांग की है कि बिनोता सहकारी सेवा समिति में यूरिया खाद की त्वरित सप्लाई सुनिश्चित की जाए, ताकि किसानों को राहत मिल सके।