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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। शहर के सदर थाना इलाके में दो दिन पूर्व कार में आग लगने और बड़ी मात्रा में नकदी जलने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। यह पैसा अजमेर जिले के एक होटल व्यवसाई का बताया गया है। पुलिस अनुसंधान में सामने आया कि यह होटल व्यवसाई राशि लेकर जनरेटर खरीदने के लिए गुजरात के भावनगर जा रहा था। अचानक आग लगी तो कार को लावारिश छोड़ कर भाग निकले। कार में केवल पांच लाख रुपए की नकदी ही बताई गई है, जो कि पुलिस के लिए भी जांच का विषय है।
चित्तौड़गढ़ सदर थानाधिकारी निरंजन प्रतापसिंह ने बताया कि शनिवार शाम को एक कार भीलवाड़ा से उदयपुर की ओर जा रही थी। रिठाला चौराहे के यहां कार में आग लग गई थी। सूचना मिली तो पुलिस मौके पर पहुंची, जहां कार में काफी नोट जलते हुए मिले थे। मौके पर कार सवार चालक या अन्य कोई भी नहीं मिला था। इस संबंध में पुलिस ने अनुसंधान शुरू किया। कार नंबर के आधार पर मालिक की पहचान की। यह कार अजमेर जिले की निकली थी। ऐसे में सदर थाने के एएसआई जगबीरसिंह को जांच के लिए अजमेर जिले में भेजा गया। यह कार अजमेर जिले के गोवलिया निवासी संजय रावत की निकली। पुलिस ने इससे पूछताछ की। इसमें सामने आया कि संजय रावत की देवमाली गांव में होटल एवं रेस्टोरेंट है। यहां बिजली कटौती की काफी समस्या रहती है। ऐसे में वह पांच लाख रुपए लेकर जनरेटर खरीदने के लिए गुजरात के भावनगर जा रहा था। पुलिस पूछताछ में कार मालिक ने यह भी बताया कि दो लाख तो उसके स्वयं के थे तथा तीन लाख रुपए वह अपने परिचित से उधार लेकर आया था। इस दौरान उसके साथ एक रिश्तेदार तथा मित्र भी साथ में था। कार में आग लगी तो सभी डर कर भाग गए। ऐसे में पुलिस ने संजय रावत के रिश्तेदार और उसके मित्र से भी पूछताछ की, जिसमें भी यही कहानी सामने आई थी। पुलिस इनके बयानों के आधार पर जांच में जुटी हुई है। गौरतलब है कि कार में आग के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि इसमें दो करोड रुपए होकर हवाला या तस्करी का पैसा हो सकता है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है
पुलिस चेकिंग से बचने के लिए बोनट में रखी नकदी
सदर थानाधिकारी ने बताया कि बोनट में नगदी रखने को लेकर भी पूछताछ। इसे लेकर होटल मालिक ने बताया कि रास्ते में जगह-जगह नाकाबंदी एवं पुलिस जांच से बचने के लिए उन्होंने कार के बोनट में नगदी छुपा दी थी। यह भी पुलिस के लिए जांच का विषय है कि जब सारा काम एक नंबर में था तो पैसे कार के बोनट में छुपाने की कहां जरूरत थी, इसको लेकर भी अनुसंधान किया जाएगा
जले हुए नोटों का भी वजन हुआ था 2 किलो से ज्यादा
इधर, आशंका जताई जा रही है कि कार में आग बोनट से ही लगी थी। आग बोनट से लेकर पीछे तक फैल गई थी। ऐसे में नकदी कम होती तो सारी जल जानी चाहिए थी। लेकिन काफी नोट अध जले हालत में मिले थे। इनका पुलिस ने वजन करवाया तो 2 किलो से अधिक निकला। ऐसे में आशंका है कि कार में नगदी तो काफी ज्यादा थी लेकिन बताई कम गई है। पुलिस अभी इस मामले में विभिन्न पहलुओं से अनुसंधान में जुटी हुई है।