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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। विशिष्ट न्यायाधीश लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 (पोक्सो) शहनाज परवीन ने नाबालिग से दुष्कर्म के एक तीन वर्ष पुराने मामले में अभियुक्त को दोषी मानते हुए 20 वर्ष के कठोर कारावास व दो लाख रुपए का अर्थदंड सुनाया है।
विशिष्ट लोक अभियोजक शिवराज सिंह राठौड़ ने बताया कि 19 अप्रैल 2022 को एक महिला की रिपोर्ट पर पंकज उर्फ पिंटू पिता जगदीश बाथरा निवासी सब्जी मंडी सुभाष चौक निंबाहेड़ा के विरुद्ध प्रकरण दर्ज हुआ था। रिपोर्ट में प्रार्थिया की नाबालिक पुत्री के साथ दुष्कर्म करने, अश्लील फोटो व वीडियो बना कर ब्लैकमेल करते हुए कई बार दुष्कर्म करने की शिकायत पुलिस अधीक्षक के समक्ष पेश की। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर निंबाहेड़ा कोतवाली में अभियुक्त के विरुद्ध पोक्सो एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया। इसका अनुसंधान करते हुए कोतवाली थानाधिकारी कैलाश सोनी ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर उसके विरुद्ध न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया। इस पर सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायालय में 18 गवाह और 25 दस्तावेज पेश किए गए। इनके आधार पर न्यायाधीश शहनाज परवीन ने अभियुक्त पंकज उर्फ पिंटू बाथरा को दोषी मानते हुए धारा 506 के तहत 2 वर्ष का साधारण कारावास, पोक्सो एक्ट के तहत 20 वर्ष का कठोर कारावास और 1 लाख रुपए जुर्माना, धारा 376 के तहत 20 वर्ष का कठोर कारावास व 1 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। न्यायाधीश ने पीड़िता को पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत 2 लाख रुपए दिलाए जाने का भी आदेश पारित किया।