1995
views
views

सीधा सवाल। बेगूं। चित्तौड़गढ़ जिला परिषद के वार्ड नं 22 में शुक्रवार को हुए उपचुनाव में मतदान प्रतिशत में कमी राजनैतिक गलियारों सहित नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में चर्चाओं का विषय बनी हुई है। आपको बता दें कि चित्तौड़गढ़ जिला परिषद के वार्ड नं 22 में शुक्रवार को हुए उपचुनाव में महज 29.12 प्रतिशत मतदान को लेकर नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों द्वारा तरह तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है, कोई किसान वर्ग के कृषि कार्य में व्यस्त होने का दावा कर रहा है तो कोई वर्तमान परिस्थितियों में राजनैतिक रसूखात को मुख्य कारण बता रहा है। विदित है कि बेगूं विधायक डॉ सुरेश धाकड़ के निर्वाचन के बाद चित्तौड़गढ़ जिला परिषद वार्ड नं 22 की रिक्त हुई सीट पर शुक्रवार को उपचुनाव में हुए मतदान में 39023 मतदाताओं में से 11365 कुल (29.12 प्रतिशत) मतदाताओं ने ही मतदान किया। इधर मतदान प्रतिशत कम रहना क्षेत्र के राजनैतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस पर लोगों द्वारा खुलकर प्रतिक्रिया तो नही दी जा रही है, लेकिन सूत्रों ने बताया कि पिछले कुछ समय से सत्ता के करीबी नुमाइंदो द्वारा अपने स्तर पर ही कार्यों को समेटना अब लोगों को रास नही आ रहा है। अभी हाल ही के दिनों में पारसोली थाना क्षेत्र के मालीखेड़ा गांव में खनिज विभाग एवं पुलिस टीम द्वारा संयुक्त कार्यवाही करते हुए 100 टन से अधिक बजरी स्टॉक जब्त किया गया, इसके बावजूद बेगूं नगर में शाम ढलते ही बजरी से भरे डंपर नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र के लोगों से छुपे हुए नही है, हालांकि कुछ जनप्रतिनिधियों ने मतदान प्रतिशत कम रहने का कारण ग्रामीणों द्वारा कृषि कार्य में व्यस्त होना बताया, लेकिन जमीनी स्तर पर हकीकत क्या है उससे वें भी अनजान नही है। इधर सुवाणिया ग्राम पंचायत के ग्रामीणों द्वारा भी मतदान बहिष्कार की सूचना जनप्रतिनिधियों और प्रशासन तक पहुंची, जहां दो दिन पहले ही प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों ने समझाईश के प्रयास शुरु कर दिए, लेकिन मतदान दिवस तक सुवाणिया पंचायत के ग्रामीण अपनी मांगो पर अड़े रहे, जो भी मतदान प्रतिशत की कमी का प्रमुख कारण रहा।