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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। उदयपुर से भीलवाड़ा तक बने सिक्सलेन के रख रखाव का कार्य नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पास है। ऐसे में सिक्सलेन पर किसी भी तरह का कार्य और एनएच की जो जमीन है उसकी सुरक्षा का काम भी इन्हीं का है। लेकिन एनएचआई की जमीन पर ही कब्जा कर के उद्योग खोले जा रहे हैं। वहीं एनएचआई के जिम्मेदार अधिकारी इससे अंजान बने हुए हैं। जब इनसे इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने एनएचआई की जमीन पर एक बार तो मटेरियल डालने की बात स्वीकार की। लेकिन बाद में वह इससे भी मुकर गए।
जानकारी में सामने आया कि उदयपुर से भीलवाड़ा वाया चित्तौड़गढ़ सिक्सलेन पर रख रखाव का कार्य एनएचआई की ओर से किया जा रहा है। इसके लिए बकायदा जिला मुख्यालय पर ऑफिस है और विभाग के वाहनों से भी गश्त की जाती है। इस सिक्सलेन पर चित्तौड़गढ़ जिले में नरपत की खेती पुलिया के पास एक ईंट उद्योग लगा हुआ है। इस उद्योग का काफी मटेरियल व तैयार ईंट एनएचआई की जमीन पर पड़ी हुई है। एनएचआई की जमीन पर विभाग की ओर से कई स्थानों पर जाली लगाई जाती है, जिससे कि एनएच की जमीन की सुरक्षा हो सके। लेकिन यहां मौका देखने पर सामने आता है कि जाली से बाहर की ओर तथा सर्विस लेन के किनारे तक निर्माण सामग्री रखी हुई है। वहीं 24 घंटे गश्त करने वाले एनएच के वाहन और निगरानी रखने वाले जिम्मेदार अधिकारी एवं कर्मचारियों का ध्यान इस तरफ नहीं गया है। इसके कारण एनएच की जमीन पर ही लोग उद्योग लगाने लगे हैं। इस संबंध में स्थानीय अधिकारियों से बात की तो वह भी संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाए। एक बार तो उन्होंने स्वीकार किया कि निरीक्षण करने के दौरान कुछ मैटेरियल एनएच की जमीन पर पड़ा हुआ है, जिसे हटाने को लेकर हटाने के लिए कह दिया है। लेकिन थोड़ी देर बाद ही अधिकारी बोले कि एनएच की जमीन पर निर्माण सामग्री नहीं। ऐसे में सवाल उठता है कि सही मार्किंग नहीं करने के कारण या जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के चलते सिक्सलेन के किनारो की जमीन पर ही कब्ज होने लगे हैं इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है।
ग्रीन बेल्ट की दूरी में उलझे अधिकारी
ईंट उद्योग के एनएच की जमीन पर होने के संबंध में संबंधित अधिकारी से बात की। इस दौरान ग्रीन बेल्ट की जमीन के संबंध में जानकारी चाही, गई तो वह इस बारे में भी स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए कि मुख्य लेन से तथा सर्विसलेन के किनारे से ग्रीन बेल्ट की जमीन कितनी छोड़ी जाती हैm इससे स्पष्ट है कि कहीं ना कहीं मिली भगत या लापरवाही इसमें हो सकती है, जो की जांच का विषय है।
सर्विसलेन के किनारे तक निर्माण सामग्री के ढेर
वैसे तो सर्विसलेन के किनारे से कितने दूर तक निर्माण अथवा कोई सामग्री रखी होनी चाहिए इस संबंध में एनएच के अधिकारी नियम स्पष्ट नहीं कर पाए। लेकिन मौका देखने पर सामने आया कि सर्विसलेन के किनारे तक निर्माण सामग्री के ढेर लगे हुए हैं। यह निर्माण सामग्री के ढेर नियमानुसार आते हैं या नहीं इसके बारे में अधिक जानकारी एनएच के अधिकारी ही रखते हैं लेकिन उन्होंने इसे सार्वजनिक करना उचित नहीं समझा।
वर्जन....
नरपत की खेड़ी पुलिया के यहां निरीक्षण किया गया है। ईंट उद्योग एनएच की जमीन पर नहीं है।
शशांक रमण, साइड इंजीनियर एनएचएआई
