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सीधा सवाल। बेगूं। राजस्थान की उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री दीया कुमारी द्वारा राजस्थान सरकार के अपने पहले बजट में ब्राह्मणी रिवर फ्रंट परियोजना की घोषणा के बाद बेगूं उपखंड प्रशासन द्वारा एक बैठक आयोजित कर परियोजना के संबंध में आवश्यक कार्यवाही शुरु की गई, लेकिन वर्तमान स्थिति को लेकर ब्राह्मणी नदी की स्वच्छता को लेकर न तो बेगूं नगर पालिका प्रशासन गंभीर है ना ही बेगूं उपखंड प्रशासन। आपको बता दें कि राजस्थान की उपमुख्यमंत्री एवं वित्तमंत्री दीया कुमारी द्वारा विधानसभा में पेश किए गए अपने पहले बजट में ब्राह्मणी नदी रिवर फ्रंट परियोजना की घोषणा की गई। परियोजना के क्रियान्वयन को लेकर बजट घोषणा के करीब 6 माह बाद जिला कलेक्टर आलोक रंजन के निर्देश पर उपखंड प्रशासन द्वारा ब्राह्मणी रिवर फ्रंट की घोषणा के संबंध पर उपखंड अधिकारी मनस्वी नरेश की अध्यक्षता में विगत 24 दिसंबर को उपखंड कार्यालय पर विभागीय अधिकारियों के साथ ही जनप्रतिनिधियों की बैठक आयोजित की गई, जिसमें परियोजना को लेकर विभागीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने अपने अहम सुझाव देकर आवश्यक विचार विमर्श किया। इधर ब्राह्मणी नदी एवं नदी किनारों पर दिन–प्रतिदिन फैल रहे अपशिष्ट पर पालिका प्रशासन एवं उपखंड प्रशासन अभी भी कोई खास गंभीरता नही दिखा रहा है। गली मोहल्लों से निकलने वाला गंदा पानी नदी के किनारों पर नाले के अभाव में इसी नदी में गिर रहा है, हालांकि पालिका प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा नदी के किनारों पर नाला निर्माण की आवश्यकता भी बताई गई, लेकिन इस ओर प्रशासन की अनदेखी और लेटलतिफी ब्राह्मणी नदी शुद्धिकरण में सबसे बड़ा रोड़ा बनी हुई है। ब्राह्मणी रिवर फ्रंट परियोजना की घोषणा पर खुशी जताने वाले कुछ गणमान्यजनों का कहना है, कि वर्तमान में ब्राह्मणी नदी की दुर्दशा पर किसी शासन एवं प्रशासन ने कोई खास जहमत नही उठाई है। लोगों का कहना है कि विधानसभा में ब्राह्मणी रिवर फ्रंट परियोजना की घोषणा के समय बेगूं क्षेत्र से गुजरने वाली ब्राह्मणी नदी जिस स्वरूप में थी, आज भी उसी स्वरूप में है। इस पर ना तो नगर पालिका प्रशासन और ना ही उपखंड प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई खास रूचि दिखाई। इसके साथ ही बेगूं पालिका क्षेत्र में स्वच्छता के दावे करने वाली बेगूं नगर पालिका में विगत कई वर्षों से कार्यवाहक के भरोसे चल रहे अधिशाषी अधिकारी के पद पर तैनात उपखंड कार्यालय के एक अधिकारी महोदय भी इस समस्या पर आंखे मुंद कर बैठे है। लोगों को कहना है कि प्रशासन द्वारा नदी के किनारें पर लगी मांस–मटन की दुकानों पर शीघ्र रोक लगाकर नदी शुद्धिकरण की दिशा में कदम उठाया जा सकता है, लेकिन प्रशासन द्वारा उक्त दिशा में चुप्पी कभी भी ब्राह्मणी नदी रिवर फ्रंट परियोजना को धरातल पर नही उतरने देगी।