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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। कृषि विज्ञान केन्द्र चित्तौडगढ द्वारा हरियालो राजस्थान तहत पौधारोपण कार्यक्रम के साथ एक दिवसीय प्राकृतिक खेती आधारित प्रशिक्षण आयोजन भी किया गया। एफईएस संस्था बेगूं से एक दिवसीय कृषक भ्रमण पर आये किसानो को केन्द्र द्वारा हरियालो राजस्थान के तहत 25 फलदार पौधे किसानो को उपलब्ध कराये गये। केविके फार्म जामुन एवं सीताफल के पौधे रोपण किये गये।
पौधारोपण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. जे.पी. मिश्रा, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-कृषि तकनीकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोधपुर द्वारा जामुन का पौधारोपण किया गया। डॉ. मिश्रा, ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग को लेकर पूरी दुनिया चिंतित है और इसके उपाय भी खोजे जा रहे हैं, ताकि तेज धूप, बढ़ते तापमान से कुछ राहत मिल सके, इसी मकसद को लेकर राजस्थान की सरकार ने पांच साल में 50 करोड़ पौधे लगाने का फैसला लिया है. बीते साल 7 अगस्त 2024 से शुरू हुए अभियान के पहले चरण में सात करोड़ पौधे लगाए गए थे। जिसका वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बना और अब इसी को आगे बढ़ाते हुए हरियालो राजस्थान 2.0 शुरू किया है। इस बार का लक्ष्य 10 करोड़ पौधे लगाने का निर्धारित किया गया है। डॉ. मिश्रा, ने कहा कि प्राकृतिक खेती में उपयोग की जाने वाली जैविक कार्बनिक खादों जैसे कम्पोस्ट, वर्मी कम्पोस्ट, वर्मी वॉश, डी कम्पोजर, बीजामृत, जीवामृत एवं पंचगव्य आदि के उपयोग पर चर्चा की, साथ ही केविके की गतिविधियो एवं राजीव इकाइयों का भ्रमण कर प्रशंसा की तथा केविके के फसल प्रर्दशन, ओ.एफ.टी, प्राकृतिक खेती इत्यादि का रिव्यु कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
डॉ. रतन लाल सोलंकी, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष ने कहा कि पेड़ पौधे पर्यावरण को बचाने का कार्य करते है। धरती माता ही एक मात्र आश्रय है, इसलिए हमें कर्तव्य का भी बोध होना चाहिए, भारतीय संस्कृति में पर्यावरण बचाने का संदेश दिया गया है। पेड़ हमारे परम मित्र है और हमारे जीवन के लिए अति आवश्यक है क्योंकि हमे शुद्ध हवा देते है मिटटी के कटाव एवं प्रदुषण को रोकते है। साथ ही कैविके की प्रर्दशन इकाई वर्मी कम्पोस्ट इकाई में जैविक खाद वर्मी कम्पोस्ट एवं वर्मी वॉश बनाने की प्रायोगिक जानकारी से कृषक एवं कृषक महिलाओ को अवगत कराया।
पौधारोपण कार्यकम में दीपा इन्दौरिया कार्यक्रम सहायक, संजय कुमार धाकड, कार्यक्रम सहायक, शंकर लाल नाई, सेवानिवृत सहायक कृषि अधिकारी, राजू गुर्जर, कम्प्युटर ऑपरेटर, बनवारी लाल मेहर, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी आदि उपस्थित थे।