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सीधा सवाल। कपासन। एनीमिया के खिलाफ राजस्थान की सबसे बड़ी जंग भारत विकास परिषद राजस्थान दक्षिण प्रांत की ओर से संचालित स्वास्थ्य पहल एनीमिया मुक्त राजस्थान के राज्यव्यापी अभियान के अंतर्गत शाखा कपासन ने कपासन उपखंड क्षेत्र में बनाए गए 9 एनीमिया केंद्र में एक ही दिन में प्रांत से मिले लक्ष्य1000 के आंकड़े को पार करते हुए लक्ष्य से अधिक 1144 बालिकाओं एवं 11 महिलाओं की हीमोग्लोबिन की जांच की गई। जांच के उपरांत एनीमिक पाई गई छात्राओं को आयरन की गोलियां वितरित की गईं तथा खून की कमी से बचने के उपाय भी समझाए गए।कपासन शाखा सचिव नंदलाल बोहरा ने बताया कि यह ऐतिहासिक अभियान आयु 9 वर्ष और उससे ऊपर की छात्राओं को ध्यान में रखते चलाया गया इस अभियान में परिषद के प्रत्येक सदस्यों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। परिषद के दायित्वधारी अध्यक्ष भगवती लाल सोमानी, बादशाह सिंह, घनश्याम लाल विजयवर्गी ,मुरली मनोहर जोशी आशा जोशी , वंदना सोनी रमेश विजयवर्गी विगत दो माह से इस कार्यक्रम की तैयारियों में जुटे थे। 9 केंद्र बनाए गए शिविर केंद्र प्रभारी का वंदना सोनी,आशा जोशी,महेंद्र मोहन दाधीच,ओम प्रकाश न्याती,अशोक गोड,घनश्याम विजयवर्गीय,रोशन लाल विजयवर्गीय को दायित्व दिया गया।चिकित्सा विभाग की तकनीकी टीम ने आवश्यक सामग्री और हीमोग्लोबिनोमीटर मशीन के साथ निर्धारित समय पर विद्यालयों में पहुंचकर जांच कार्य प्रारंभ किया। इस संपूर्ण कार्यक्रम में शिक्षा एवं चिकित्सा विभाग के अधिकारियों का भरपूर सहयोग मिला। विद्यालयों में बालिकाओं और शिक्षकों में उत्साह दिखाई दिया। एनीमिक बालिकाओं को पोषण सामग्री भी वितरित की गई।चित्तौड़गढ़ जिला सह समन्वयक व शिविर प्रभारी आशा जोशी ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य केवल एनीमिया की पहचान करना नहीं, बल्कि इसके उपचार द्वारा बालिकाओं को इससे होने वाले दुष्प्रभावों से बचाना भी है। यह पहला अवसर है जब भाविप परिषद द्वारा पूरे राज्य में इतने बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है। उन्होंने बताया कि एनीमिक बालिकाओं का नियमित फॉलो-अप भी लिया जाएगा। परिषद के अन्य सदस्य वीणा जोशी सुशीला प्रजापत, लक्ष्मी लाल सोनी, अरुणा ट्रेलर, मूलचंद का सहयोग रहा।कपासन शाखा अध्यक्ष भगवती लाल सोमानी ने कहा कि सेवा का आयोजन करता है और यह गतिविधि मिल का पत्थर साबित होगी।