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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। चातुर्मास में चल रहे भक्तमाल ग्रंथ अंतर्गत देवी लक्ष्मी की भक्ति के बारे में बताया गया देवी लक्ष्मी भगवत भक्ता है क्योंकि जब-जब भी भगवान ने इस धरा पर अवतार लिया तब तब लक्ष्मी जी भी उनके साथ आई अत: लक्ष्मी जी को भगवान की अंग संगिनी कहा गया है लक्ष्मी वहां निवास करती हैं जहां नारायण की भक्ति होती है लक्ष्मी जी ने सेवा करना सिखाया है जहां नारायण की पूजा होती है वहां लक्ष्मी जी का निवास रहता है l देवता लोग लक्ष्मी जी के पुत्र हैं रावण ने जब सभी देवताओं को बंदी बना लिया था तब लक्ष्मी सीता के रूप में अवतार लेकर खुद को रावण के यहां बंदी बना कर देवताओं को बंधन मुक्त कराया था l संत दिग्विजय राम जी ने कहा कि सत पुरुषों को हृदय में करुणा धारण करनी चाहिए उन्होंने बताया कि जब रावण विजय की सूचना हनुमान जी द्वारा सीता को सुनाई जाती है तो सीता जी ने हनुमान जी कहा आप इन सभी राक्षसियो को क्षमा कर दो क्योंकि यह मेरे पास रहि है अर्थात यह मेरी शरणागत है
आज भक्तमाल ग्रंथ अंतर्गत देवी लक्ष्मी की भक्ति एवं गरुड़ के चारु चरित्र के बारे में बताया गया l रामद्वारा चित्तौड़गढ़ में श्री राम कथा आयोजन समिति द्वारा 13 अगस्त से 21 अगस्त 25 तक 'श्री राम कथा' का आयोजन होगा अतः आप इसमें सादर आमंत्रित है कथा का समय प्रातः 9:00 बजे से 12:30 तक रहेगा दिनांक 16 अगस्त को होने वाले विशेष उत्सव सद गुरुदेव की पुण्यतिथि पर समाधि पूजन व दर्शन का अवश्य लाभ लेवे।