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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। राजकीय कन्या महाविद्यालय, चित्तौड़गढ़ में विश्व ओजोन सुरक्षा दिवस राष्ट्रीय सेवा योजना एवं आईक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में प्राचार्य डॉ. गौतम कुमार कुकड़ा की अध्यक्षता में मनाया गया। कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ. कुकड़ा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि ओजोन परत जीवन की ढाल है और हमें इसे सुरक्षित रखना ही आने वाली पीढ़ियों के प्रति हमारा सबसे बड़ा उत्तरदायित्व है।
इस अवसर पर डॉ. जसप्रीत कौर ने पावर पॉइंट प्रस्तुति के माध्यम से ओजोन परत की सुरक्षा पर विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि ओजोन परत हमें सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से बचाती है, और यदि यह परत क्षतिग्रस्त हो जाए तो चर्म कैंसर, आँखों में मोतियाबिंद तथा फसलों को भारी नुकसान हो सकता है।अपने व्याख्यान में उन्होंने मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल 1987 का उल्लेख करते हुए बताया कि किस प्रकार ओजोन परत को नुकसान पहुँचाने वाले रसायनों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त किया गया। उन्होंने कहा कि नागरिकों का संवैधानिक कर्तव्य है कि वे पर्यावरण की रक्षा करें और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करें। साथ ही पंचामृत योजना के तहत भारत की जलवायु प्रतिबद्धताओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन और 2070 तक नेट ज़ीरो लक्ष्य हासिल करना हम सबकी जिम्मेदारी है। डॉ. कौर ने विद्यार्थियों को ‘क्या करें’ और ‘क्या न करें’ के माध्यम से जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव अपनाने के लिए प्रेरित किया, जैसे– सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना, अधिक पेड़ लगाना, LED बल्बों का प्रयोग करना, सिंगल यूज़ प्लास्टिक से बचना और 3R’s (Reduce, Reuse, Recycle) को अपनाना। उन्होंने छात्राओं को संदेश दिया कि आप हमारे भविष्य के संरक्षक हैं, आपकी छोटी-छोटी कोशिशें आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित पर्यावरण बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगी।
इस अवसर पर डॉ. ज्योति कुमारी एवं रिंकी गुप्ता के निर्देशन में क्विज़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें करीना समूह ने प्रथम स्थान तथा रचना पुर्बिया समूह ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त संकाय सदस्य डॉ. सी.एल. महावर, डॉ. लोकेश जसोरिया, रेखा मेहता, जयश्री कुदाल, डॉ. श्याम सुन्दर पारीक, डॉ. प्रीतेश राणा, डॉ. गोपाल जाट, दिव्या चारण, वंदना शर्मा आदि एवं लगभग 50 छात्राएं उपस्थित रही।