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सीधा सवाल। राशमी। अवैध बजरी खनन से क्षेत्र के पहुंना में श्मशान की राह भी कठिन हो गई। बजरी माफियाओं ने श्मशान की राह में बड़े बड़े खड्डे खोद बजरी निकाल ली। जिससे शव को श्मशान ले जाना संघर्ष भरा हो गया। रविवार को पहुंना कस्बे में एक महिला की मृत्यु हो गई। ग्रामीण , परिजन, रिश्तेदार जब अर्थी लेकर शमशान घाट की राह चले तो राह में बड़े-बड़े गड्ढे देखकर आक्रोश फैल गया। ग्रामीणों ने अवैध बजरी खनन के खिलाफ विरोध जताया। कुछ देर के लिए पहुंना बाजार बंद भी हो गया। अवैध बजरी खनन के विरोध की जानकारी जब पुलिस को लगी तो पहुंना चौकी प्रभारी नंदलाल सैनी बनास नदी पहुंचे। जहां ग्रामीणों ने नियम विरूद्ध बजरी खनन को लेकर विरोध जताया। आनन फानन में पुलिस ने जेसीबी मशीन से राह में हो रहे बड़े-बड़े खड्डों को पाटा। तब जाकर अर्थी शमशान घाट पहुंची। ग्रामीणों ने बताया कि बनास नदी में बने पक्के स्ट्रक्चर के दोनों ओर डेढ़ सौ - डेढ़ सौ फीट के क्षेत्र में बजरी खनन नहीं किया जा सकता है। ऐसा नियम होने के बावजूद खनन विभाग के अधिकारी लीज धारक के पक्ष में आंखें मूंदे हुए हैं। नियमों के विरुद्ध बजरी खनन हो रहा है। बजरी माफिया हावी होने से आमजन विरोध भी नहीं कर सकता है। अवैध बजरी खनन एवं ओवर लोडिंग परिवहन से बनास नदी में बने पार्क, पुलिया भी टूट गए हैं। एएसआई नंदलाल सैनी ने हरिजन बस्ती से लेकर मरमी के रास्ते राम कुई तक बजरी खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाकर चेतावनी बोर्ड लगाने के प्रति आश्वस्त किया। तब ग्रामीण माने। ग्रामीणों ने अवैध खनन नहीं रुकने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।