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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। चित्तौड़गढ़ में निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर प्रदेश के संबंधित विभागों सहित चित्तौड़गढ़ के शिक्षा विभाग से दस्तावेज पेश कर आरटीआई के माध्यम से मांगी गई सूचनाएँ औपचारिकता साबित हुई। शिक्षा संबंधी सभी विभाग एक दूसरे के पाले में गेंद फेंकते नजर आए। अभी भी प्रार्थी को सूचनाओं का इंतजार है।
चित्तौड़गढ़ के एक विद्यार्थी अभिभावक एवं जागरूक नागरिक दिनेश चंद्र जैन ने शिक्षा विभाग से निजी विद्यालयों में अनियमिताओं को लेकर सूचना के अधिकार 2005 के माध्यम से सूचनाएं मांगी। उन्होंने पत्र के माध्यम से निजी विद्यालयों बारे में, भवन सुरक्षा प्रमाणपत्र, निजी शैक्षिक संस्था चलाने वाली कार्यकारिणी से अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों का दुर्घटना बीमा, विद्यालय में उपलब्ध फर्नीचर, शिक्षा विभाग द्वारा फीस संबंधित, विद्यालय में इंडोर तथा आउटडोर खेल मैदान, विद्यालयों का भौतिक सत्यापन सहित कुल 18 सूचनाएँ आरटीआई के माध्यम से मांगी। ये सभी सूचनाएँ शिक्षा विभाग के बनाये नियमों के अंतर्गत आती है तथा विद्यार्थी के अभिभावक को इसकी जानकारी हो इसके बारे में विभाग द्वारा भी विभिन्न माध्यमों से प्रचारित भी किया जाता है।
जिला शिक्षा अधिकारी चित्तौड़गढ़ को सबसे पहले आवेदन किया गया तो उनका जवाब मिला धारा 11 के अंतर्गत ये सूचनाएँ देने से पहले तीसरे पक्ष (निजी विद्यालय) की सहमति जरूरी है। इसी क्रम में आरबीएसई अजमेर, शिक्षा संकुल जयपुर, डायरेक्टर एजुकेशन बीकानेर को सूचनाओं के लिए आरटीआई के माध्यम आवेदन भेजा। इनका जवाब आया कि चित्तौड़गढ़ विभाग ही इस मामले के बारे में सूचनाएँ प्रदान करेंगे।
बहरहाल सूचनाएँ मांगने के बाद टालमटोल की जा रही है और आवेदक को भी लंबा इंतजार करना पड़ रहा है शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा विद्यालय को मान्यता देते वक्त सभी दस्तावेज कानून की शक्ल में शिक्षा कार्यालय में जमा किये जाते हैं। ऐसी सूचनाओं को भी नहीं दिया जा रहा है बल्किएक दूसरे के पाले में गेंद फेंक कर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है।
आवेदन का कहना है कि विद्यार्थी के अभिभावकों को निजी विद्यालयों के बारे में जानकारी मिले ऐसी सूचनाओं मांगी गई है। धारा 11 के अंतर्गत तीसरा पक्ष अपनी सहमति क्यों देगा क्योंकि उनकी विसंगतियों को लेकर ही सूचना मांगी गई है। अब इस मामले को लेकर उन्होंने शिक्षा विभाग को पत्र लिखा है तथा मामले के बारे में जल्द से जल्द जानकारी मिले इसके लिए निवेदन किया है।