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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ के वार्षिक एथलेटिक्स समारोह में इस वर्ष एक विशेष और ऐतिहासिक अवसर आने वाला है। इस बार विद्यालय ने अपने ही गौरवशाली पूर्व छात्र और 1972-73 सत्र के सर्वश्रेष्ठ एथलीट रहे कर्नल (सेनि.) छोटू सिंह राठौड़ को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है। यह वही छोटू सिंह हैं जिनके बनाए 100 मीटर दौड़ (11.00 सेकंड) और हाई जंप (6 फीट 3 इंच) के रिकॉर्ड आज भी 52 वर्षों बाद तक अटूट हैं।
कर्नल राठौड़ ने जनवरी 1967 में सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में प्रवेश लिया था। छात्र जीवन के दौरान वे अपनी अनुशासित नेतृत्व क्षमता और खेल कौशल के लिए जाने जाते थे। वर्ष 1972 में वे ‘बी बॉयज़ ग्रुप’ में राजस्थान चैंपियन बने और कोट्टायम (केरल) में आयोजित अंतर-राज्यीय राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया। वहाँ उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन से प्रभावित चयनकर्ताओं ने उन्हें म्यूनिख ओलंपिक टीम के साथ जाने का अवसर प्रदान किया था, परंतु उन्होंने एनडीए परीक्षा की तैयारी के लिए यह प्रस्ताव विनम्रतापूर्वक अस्वीकार कर दिया।
जुलाई 1973 में एनडीए से चयनित होकर उन्होंने आईएमए देहरादून से प्रशिक्षण प्राप्त किया और सेकंड लेफ्टिनेंट के रूप में भारतीय सेना में नियुक्त हुए। अपने 33 वर्षों के विशिष्ट सैन्य करियर के दौरान कर्नल राठौड़ ने श्रीलंका (1987-88), सियाचिन (1999) और कारगिल (1999) अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाई। उन्हें सेना प्रमुख द्वारा प्रशंसा-पत्र से भी सम्मानित किया गया। वर्ष 1997 में वे कर्नल बने और सेंट्रल ऑर्डनेंस डिपो, मुंबई का नेतृत्व किया। जनवरी 2010 में सेवानिवृत्ति के बाद वे वर्तमान में जयपुर के विद्याधर नगर में निवासरत हैं।
सैन्य विद्यालय परिवार के लिए यह अवसर अत्यंत गर्व का विषय होगा कि वही छात्र, जिसने कभी इसी मैदान पर इतिहास रचा था, अब उसी मैदान पर मुख्य अतिथि के रूप में विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करेंगे। विद्यालय प्रशासन ने कहा कि कर्नल (सेनि.) छोटू सिंह राठौड़ का जीवन अनुशासन, परिश्रम और देशभक्ति का जीवंत उदाहरण है, जो नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का अमूल्य स्रोत बनेगा।