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सीधा सवाल। कपासन। वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के तत्वाधान में बुधवार को अंबेश भवन में शासन प्रभाविका कंचन कंवर जी म सा के सानिध्य में मनाया गया। डॉ . सुलोचना श्री ने उनके जीवन पर बताया कि सरदारगढ गांव में 20 फरवरी 1931 को पिता गमेर मल हिगड के यहां माता सुन्दर बाई की कुक्षी से जन्म लिया। आपका बचपन का नाम लक्ष्मी लाल था।आपके सरदारगढ मे महासती प्रेमवती जी म सा के चार्तुमास में वैराग्यकाल आया।आपने 31अक्टोम्बर 1953 को मोलेला में आपकी दिक्षा मेवाड प्रर्वतक श्री अम्बा लाल म सा के सानिध्य में दीक्षा ली।आपका नाम लक्ष्मी लाल से मदन मुनि नाम रखा गया। आपको हिन्दी, सस्कृत, प्राकृत राजस्थानी मेवाडी भाषा का अध्ययन था। आपने राजस्व विभाग मे नोकरी छोड़कर दिक्षा ग्रहण की।आपका विहार क्षेत्र मेवाड मारवाड गुजरात महाराष्ट्र रहा। आप श्री को नाथद्वारा मे 2005 को मेवाड पूज्य प्रर्वतक के पद पर सुशोभित किया गया। कुछ समय बाद आप नाथद्वारा चार्तुमास मे पधारे तब आपको संघ द्वारा महाश्रमण की उपाधि से अंलकृत किया गया। मेवाड वासी सेवाभावी भोले बाबा के नाम से जानते है। आपका स्वभाव शांत एव सरल सादगीमय था। आपने साधु मर्यादा मे रहते हुए जीवन का निर्माण किया। संघ अध्यक्ष सूर्य प्रकाश सिरोया ने अपने विचार में बताया कि आप सभी को सम्मान देने का जो भी दर्शन करने आता उन्हें आत्मीयता पूर्वक बातचीत कर संघ और समाज के बारे में जानकारी लेते थे। धर्म सभा मे संरक्षक अनील बाघमार संघ अध्यक्ष सूर्य प्रकाश सिरोया, रूप लाल डाँगी, प्रकाश आंचलिया, अशोक कुमार बाफना साधु मार्गी संघ से अशोक चण्डालिया, सम्पत हिगड, मदन चण्डालिया एन रणजीत चण्डालिया, महेन्द्र बाघमार, सुरेश तलेसरा एव महिला मण्डल से प्रियंका दुग्गड, सुनिता सांवला, अंगुर बाला सिरोया कुसुम ढीलीवाल, जागृति लोढा व धर्म सभा मे ब्यावर से झवेरी लाल शिशोदिया डुगला से मंत्री रमेश मेहता आदि अनेक श्रावक श्राविकाएँ उपस्थित थे। संचालन राजेश खाब्या ने किया।