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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। दीपोत्सव का त्यौहार का आगाज शनिवार से होना है। धनतेरस के पर्व पर सोने और चांदी की खरीददारी होती आई है। लेकिन इस बार बढ़े हुवे भावों ने व्यापारियों की चिंता बढ़ा दी है। व्यवसाईयों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि धनतेरस पर शनिवार को मार्केट किस तरह से रहने वाला है। व्यापारियों ने तो तैयारियां पूरी की हुई है। इनका मानना है कि शगुन की खरीददारी है वह तो होनी है। फिर भी कहीं ना कहीं संशय मन में देखने को मिल रहा है।
वैश्विक बाजार के चलते सोने और चांदी के मूल्य में एक वर्ष में काफी अंतर आ गया है। सोना एवं चांदी गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष दोगुने भाव पर पहुंच गए हैं। दीपावली के त्योहार की शुरुआत धनतेरस से होती है। पांच दिवसीय दीपावली मौसम में पहले दिन सोने और चांदी की जम कर खरीदारी की जाती है। लेकिन बढ़े हुए भावों के कारण सोने और चांदी की खरीदारी कम होने की आशंका है। शुक्रवार की भी बात की जाए तो मार्केट में सुस्ती छाई हुई थी। ऐसे में सोने और चांदी के व्यवसाय से जुड़े व्यापारी शंकित है कि इस बार का बाजार किस प्रकार रहने वाला है। यह सभी सोने और चांदी के व्यापार करने वाले व्यापारियों की चिंता का प्रमुख कारण भी है। गत वर्ष धनतेरस पर चांदी 91 हजार रुपए किलो थी, जो कि इस बार करीब एक लाख 7 हजार रुपए किलो है। वहीं सोना 80 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम पर था जो इस बार 1 लाख 34 हजार तक पहुंच गया है।
शास्त्रों के अनुसार शगुन की होती है खरीदारी
राजस्थान सर्राफा संघ के प्रदेश महामंत्री किशन पिछोलिया ने बताया कि इस बार अत्यधिक तेजी है। सोना एवं चांदी अब तक के शिखर पर पहुंच गए हैं। इस बढ़े हुए भाव का व्यापारियों के साथ ही आम जन पर भी असर रहेगा। लेकिन धनतेरस पर शगुन के हिसाब से खरीदारी होती है। शास्त्रों में भी शगुन से खरीदारी को लेकर कहा गया है। ऐसे में उम्मीद है की अच्छी ग्राहकी होगी। व्यापारी तो यही आस लगा कर बैठा है कि इस बार भी खरीदारी अच्छी होनी है।
सिक्के और मूर्तियों की होगी बिक्री
सर्राफा व्यवसाई शेखर सोनी ने बताया है कि इस बार माहौल थोड़ा कम दिखाई दे रहा है। मार्केट में 50% माहौल खरीदारी को लेकर है। जो लोग सोने और चांदी के आभूषण देखने आ रहे हैं उनमें से 50 प्रतिशत ही खरीदारी कर के लेकर जा रहे हैं। लेकिन धनतेरस पर अच्छी उम्मीद है सिक्के और चांदी के सिक्के एवं मूर्तियों की अच्छी ग्राहकी होती है। चांदी के आइटम सबसे ज्यादा इसी दिन बिक्री होती है।
आज भी जॉर्ज पंचम के सिक्कों की मांग
वर्षों से जॉर्ज पंचम के सिक्कों की मांग धनतेरस पर रहती आई है। ऐसे में इस साल भी बाजार में सर्राफा व्यवसाईयों के पास चांदी के पुराने जॉर्ज पंचम के समय के सिक्के उपलब्ध हैं। धनतेरस के दिन इस सिक्के की मांग अधिक रहती है।