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सीधा सवाल। बेगूं। देश को आजाद हुए आज 78 साल हो गए है। शहरों में लोगों के लिए सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो जाती है, लेकिन आज भी कई गांव ऐसे हैं जहां पर ग्रामीण अपनी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। मंगलवार को चित्तौड़गढ़ जिले के भोपालसागर क्षेत्र में खुले स्थान पर टायरों से अंतिम संस्कार प्रक्रिया का मामला सामने आने के बाद बेगूं उपखंड क्षेत्र के ठुकराई ग्राम पंचायत के भंवरिया गांव से भी एक वीडियो सामने आया है, जिसमें एक बुजुर्ग की मृत्यु हो जाने पर परिजनों और ग्रामीणों को खुले स्थान पर टायरों से बुजुर्ग का अंतिम संस्कार करना पड़ा। जानकारी के अनुसार बेगूं उपखंड क्षेत्र के ठुकराई ग्राम पंचायत के भंवरिया गांव में सोमवार शाम को भैरूलाल बंजारा पिता मोतीलाल बंजारा की मृत्यु हो गई। परिजनों ने मंगलवार दोपहर तक लगातार हो रही बारिश के रुकने का इंतजार किया। दोपहर तक बरसात नहीं रुकने पर परिजनो और ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू कर दी। कीचड़ से सने रास्ते से गुजरते हुए अंतिम यात्रा श्मशान घाट पर पहुंची, जहां टीन शेड और लकड़ियों के अभाव में खुले स्थान पर टायरों से अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी करनी पड़ी। ग्रामीणों ने बताया कि 155 घरों के करीब 605 मतदाताओं की आबादी वाले भंवरियां गांव में आजादी के 78 साल बाद भी ग्रामीण टीन शेड के अभाव में खुले में अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर है। बताया गया कि ग्रामीणों द्वारा इस समस्या को लेकर ग्राम पंचायत प्रशासक को भी अवगत करवाया गया। इस पर प्रशासक द्वारा बताया गया कि दो साल से प्रस्ताव बनाकर भेज रखा है, लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है। अब सवाल यह उठता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधा उपलब्ध करवाने के दावे करने वाली सरकार आखिर कब तक ग्रामीणों की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा कर सकेगी।