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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चित्तौड़गढ़ संतोष कुमार बैरवा पीठासीन अधिकारी ने एक महत्वपूर्ण मामले में फैसला सुनाया है। आदतन अपराधी को स्वयं के पिता के नाम से कूटरचित बापी पट्टा और वसीयत बना कर सिविल न्यायालय में झूठा केस दायर करने के मामले ने अभियुक्त को दोषी पाया। इस मामले का ट्रायल सीजेएम कोर्ट में होकर इस गंभीर अपराध में धारा 420, 467, 468 एवं 471 में दोषी पाया गया था। अभियुक्त पुष्पेन्द्र सिंह गौड़ निवासी करणी माता का खेड़ा चित्तौड़गढ़ को अलग-अलग धाराओं में क्रमश पांच वर्ष, तीन वर्ष और दो-दो वर्ष की सज़ा सुनाई गई। साथ ही अभियुक्त को तुरंत जेल भेजा गया। न्यायालय में अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी सीमा मालवीय ने की।