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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। वैश्विक आस्था के केंद्र भगवान श्री सांवलिया सेठ भक्तों की मनोकामनाओं को पूरी करते हैं। यही कारण है कि यहां श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है तो चढ़ावा राशि में भी इजाफा हो रहा है। भगवान सांवलिया सेठ अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं तो भक्त भी भगवान को भरपूर चढ़ावा चढ़ाते हैं। भगवान सांवलिया सेठ के दरबार में भीलवाड़ा जिले के मूल निवासी एवं बेंगलुरु के व्यवसाई ने अपनी मनोकामना पूरी होने पर सोमवार को 100 ग्राम सोने से बनी चेन के अलावा लाखों रुपए का नगद चढ़ना चढ़ाया है। व्यवसाई का मंदिर बोर्ड की ओर से स्वागत करते हुए आभार जताया है।
भीलवाड़ा जिले के रायपुर तहसील में आने वाले सरेवड़ी निवासी रोशन लाल चावत ने बताया कि उनका पूरा परिवार भगवान श्री सांवलिया सेठ का भक्त हैं। उन्होंने सांवलिया सेठ से मनोकामना मांगी थी। वह मनोकामनाएं पूरी हुई तो पूरे परिवार के साथ सोमवार को सांवलियाजी मंदिर पहुंचे। यहां भगवान यहां मनोकामना पूरी होने की खुशी में 100 ग्राम सोने से बनी चेन भगवान सांवलिया सेठ को भेंट की है। इसके अलावा लाखों रुपए का नकद चढ़ावा भी चढ़ाया है। रोशन लाल चावत अपनी पत्नी कमलाबाई, पुत्र अशोक राहुल एवं विनोद पुत्र वधू रेखा व कांता, पुत्री मंजू सहलोत, चेतना श्रीमाल, योगिता हितेश दक सहित अन्य परिवार के साथ मंदिर पहुंचे। यहां भगवान को सोने की चेन भेंट की। मंदिर में जाकर भंडार में नकद चढ़ावा भी चढ़ाया। मंदिर परिसर एवं कार्यालय में अध्यक्ष हजारीदास वैष्णव, पूर्व सदस्य ममतेश शर्मा के अलावा रायपुर के पवन शर्मा, दिनेश सोनी भी मौजूद थे। मंदिर में दर्शन कर रोशनलाल एवं परिवार ने सभी की सुख शांति एवं खुशहाली के लिए कामना की।
बेंगलुरु में है व्यवसाय, फर्म भी सांवलियाजी के नाम से
व्यवसाई के पुत्र एवं चावत ग्रुप के चेयरमैन अशोक चावत ने बताया कि वह मूलत भीलवाड़ा जिले में सरेवडी के रहने वाले हैं। लेकिन उनका व्यवसाय बेंगलुरु में है। उनके पुत्र एवं परिवार बेंगलुरु में प्रवासी है। वहां उनकी सांवरिया डवलपर्स, सांवरिया ज्वेल्स आदि नाम करीब आधा दर्जन फर्म है। कुछ दिनों पूर्व भगवान सांवलिया सेठ से मनोकामना मांगी थी, जो कि पूरी हो गई थी। इसी खुशी में पूरे परिवार के साथ भगवान के दरबार में पहुंचे।
अलग-अलग लिफाफे में लेकर आए चढ़ावा राशि
इधर, जानकारी में सामने आया कि मंदिर में दर्शन के दौरान पुजारी ने रोशन लाल चावल को चरणामृत एवं प्रसाद दिया। यहां व्यवसाई ने अलग-अलग लिफाफों में रखी हुई लाखों रुपए की चढ़ावा राशि भगवान सांवलिया सेठ को भंडार में चढ़ाई। लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि व्यवसाई ने कितनी नकद राशि भंडार में चढ़ाई।