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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। नेहरू गार्डन में आयोजित विशाल जनसभा में ईपीएस 95 पेंशनरों ने भारत सरकार से पेंशन फंड में जमा रकम के अनुपात में पेंशन सुनिश्चित करने की मांग की। सभा की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष अशोक जैन ने की, और प्रदेश संयोजक नरेंद्र सिंह शक्तावत ने मुख्य रूप से सभा को संबोधित किया।
नरेंद्र सिंह शक्तावत ने कहा कि गैर सरकारी पेंशनरों ने औद्योगिक इकाइयों में जीवन भर काम करके देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसके साथ ही पेंशन फंड में लाखों रुपये जमा किए, लेकिन इन पेंशनरों को प्रो राटा बेस पर पेंशन मिलने के कारण औसतन 1171 रुपये मिल रहे हैं, जो उनके जीवन यापन के लिए पर्याप्त नहीं है। उन्होंने श्रम मंत्रालय से पेंशन फंड में जमा रकम के अनुपात में पेंशन की गणना करने का अनुरोध किया।
उन्होंने यह भी कहा कि पेंशनरों की चार प्रमुख मांगें हैं: न्यूनतम पेंशन 7500 रुपये, महंगाई भत्ता, पति-पत्नी को निशुल्क चिकित्सा सुविधा और पेंशन में सुधार। पेंशनरों ने प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री और श्रममंत्री सहित अन्य नेताओं को ज्ञापन दिए और अनेक बार धरना-प्रदर्शन किया, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत सरकार पेंशनरों की मृत्यु के बाद उनके द्वारा जमा की गई रकम को "डेड मनी" घोषित कर देती है, और इसे अपनी इच्छा अनुसार खर्च कर वाहवाही लूटती है। चिंता जताते हुए, पेंशनरों ने सांसदों से अपील की कि पेंशन गणना के फार्मूले में सुधार किया जाए और छूट वाली कंपनियों के पेंशनरों को भी बिना छूट वाली कंपनियों के समान उच्च पेंशन का लाभ दिया जाए। सभा में पेंशनरों ने एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दी। सभा में हिंदुस्तान जिंक, बिरला, जेके, आदित्य, मंगलम सीमेंट, सहकारी समिति, अर्बन कोऑपरेटिव बैंक, राजस्थान रोडवेज के सैकड़ों पेंशनर उपस्थित हुए। प्रमुख पेंशनरों में सुधीर मेहता, सत्यनारायण सेन, एसपी सुखवाल, गोपाल चावला, प्रभु लाल शर्मा, कैलाश पोखरना, चंद्रशेखर पालीवाल, डॉ. निरंजन जोशी, गुणवंत बैरागी, चांदमल जायसवाल, गोपाल मेनारिया, राजेंद्र दशोरा, ललित दशोरा, जगदीश पारीक, मनोहर मुंदड़ा, रफीक मोहम्मद बाली देवी आदि ने अपने विचार रखे।